करोड़ों की सौगात: मुख्यमंत्री ने संबल योजना के तहत ₹175 करोड़ ट्रांसफर कर मजदूरों को दिया तोहफा! Aajtak24 News

 

करोड़ों की सौगात: मुख्यमंत्री ने संबल योजना के तहत ₹175 करोड़ ट्रांसफर कर मजदूरों को दिया तोहफा! Aajtak24 News

भोपाल/मध्य प्रदेश -  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संबल योजना के 7,953 हितग्राहियों के बैंक खातों में ₹175 करोड़ की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह योजना सच्चे अर्थों में राज्य के गरीब और श्रमिक भाई-बहनों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रही है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत 'परहित सरिस धर्म नहिं भाई' का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरों की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है और संबल योजना इसी भावना को साकार करने का एक जरिया है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों के दुख और उनकी जरूरतों को समझते हैं, क्योंकि उन्होंने खुद गरीबी देखी है। उन्होंने संबल योजना को मुश्किल समय में एक सच्चे साथी का नाम दिया। उन्होंने कहा कि संबल योजना के माध्यम से सरकार प्रदेश के 1 करोड़ 77 लाख से अधिक श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा दे रही है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि योजना में पंजीयन की प्रक्रिया लगातार जारी है, जिससे और भी ज्यादा श्रमिक इसका लाभ उठा सकें। इस कार्यक्रम में पंचायत और ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद थे, और सभी जिलों के अधिकारी और हितग्राही वर्चुअली रूप से इससे जुड़े।

श्रमिकों के लिए 'श्रीपहल' और गिग वर्कर्स को मिला फायदा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रमिकों के कल्याण के लिए एक नई पहल "श्रीपहल" को मंजूरी दी है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार में सहायता करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। इसके अलावा, राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को भी संबल योजना में शामिल कर लिया है। ये वे श्रमिक हैं जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए या घर-घर जाकर सामान और सेवाएं प्रदान करते हैं। अब वे भी इस योजना से जुड़कर आर्थिक लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर वर्ग के श्रमिक का ध्यान रख रही है, जिसमें पत्थर तोड़ने वाले, ईंट बनाने वाले, पापड़-अचार बनाने वाले, घरों में काम करने वाले मजदूर और तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले श्रमिक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग इस योजना से जुड़कर आर्थिक मदद पा रहे हैं, जिससे उनके और उनके परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है।

संबल योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख लाभ

मुख्यमंत्री ने संबल योजना के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया, जिससे यह पता चलता है कि यह योजना श्रमिकों को कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:

  • स्थायी अपंगता: यदि कोई श्रमिक स्थायी रूप से अपंग हो जाता है, तो उसे ₹2 लाख की सहायता राशि दी जाती है।

  • आंशिक अपंगता: आंशिक रूप से अपंग होने पर ₹1 लाख की सहायता दी जाती है।

  • दुर्घटना में मृत्यु: यदि किसी श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹4 लाख की सहायता राशि मिलती है।

  • सामान्य मृत्यु: सामान्य मृत्यु होने पर ₹2 लाख की सहायता का प्रावधान है।

  • अंतिम संस्कार: परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए ₹5 हजार की सहायता तुरंत दी जाती है।

इसके अलावा, संबल योजना के सभी रजिस्टर्ड श्रमिकों को आयुष्मान भारत निरामय योजना का भी लाभ मिलता है, जिसके तहत उन्हें ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिल सकता है।

त्वरित सहायता और पारदर्शिता पर जोर

मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि यह पाँचवीं बार है जब श्रमिकों के खातों में सीधे राशि ट्रांसफर की गई है। उन्होंने कहा कि आज वितरित की गई राशि में 28 दिसंबर 2024 तक के सभी पेंडिंग केसों को निपटाया गया है। विभाग का लक्ष्य है कि किसी भी दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में पीड़ित श्रमिक या उनके परिवार को कम से कम समय में सहायता राशि मिल सके। यह योजना 2018 में शुरू हुई थी और तब से अब तक 7 लाख 60 हजार से अधिक मामलों में ₹7 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि वितरित की जा चुकी है। यह दर्शाता है कि संबल योजना ने मध्य प्रदेश के लाखों श्रमिकों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है, और यह सरकार की गरीबों के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को भी दिखाता है। इस तरह की योजनाओं से न केवल आर्थिक मदद मिलती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक और सुरक्षित माहौल भी बनता है।

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