जीएसटी में बड़े बदलाव की तैयारी: खाद्य, वस्त्र और बीमा पर कम होगा टैक्स, आम जनता को मिलेगी राहत rahat Aajtak24 News

जीएसटी में बड़े बदलाव की तैयारी: खाद्य, वस्त्र और बीमा पर कम होगा टैक्स, आम जनता को मिलेगी राहत rahat Aajtak24 News

नई दिल्ली - केंद्र सरकार की जीएसटी सुधार योजना (GST 2.0) के तहत आम जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी चल रही है। खबर है कि जीएसटी काउंसिल अपनी अगली बैठक में कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स की दरों को कम करने पर विचार करेगी। सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में से एक सभी खाद्य और कपड़ों के सामान को एक समान 5% जीएसटी स्लैब में लाना है। यह कदम टैक्स संरचना को सरल बनाने, वर्गीकरण संबंधी विवादों को खत्म करने और महंगाई पर अंकुश लगाने में मदद करेगा।

प्रमुख प्रस्ताव जो बदलेगा तस्वीर

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 और 4 सितंबर 2025 को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में निम्नलिखित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है:

  • खाद्य और वस्त्र पर 5% जीएसटी: वर्तमान में खाने-पीने की कई चीजों और कपड़ों पर अलग-अलग दर से जीएसटी लगता है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य इन सभी को 5% के एक समान स्लैब में लाकर आम लोगों के लिए इनकी लागत को कम करना है। यह कदम निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।

  • सीमेंट पर टैक्स में कटौती: निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट पर मौजूदा 28% जीएसटी की दर को घटाकर 18% करने की योजना है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो घर बनाने की लागत कम हो सकती है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचे।

  • जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर शून्य जीएसटी: जीएसटी काउंसिल व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी को शून्य प्रतिशत करने पर भी चर्चा कर सकती है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो बीमा पॉलिसियां और भी सस्ती हो जाएंगी, जिससे अधिक से अधिक लोग वित्तीय सुरक्षा और व्यापक स्वास्थ्य कवरेज का लाभ उठा सकेंगे। यह पहल देश में बीमा की पहुँच बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

सरकार का उद्देश्य: सरलीकरण और पारदर्शिता

इन सभी प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य जीएसटी व्यवस्था को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाना है। टैक्स दरों में कटौती से न केवल आम जनता पर बोझ कम होगा, बल्कि यह अलग-अलग वस्तुओं के वर्गीकरण को लेकर होने वाले विवादों को भी समाप्त कर देगा। सरकार का मानना है कि इन सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और आम लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक के नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि ये फैसले लाखों लोगों के दैनिक जीवन पर सीधा असर डालेंगे।

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