जेल जाने पर PM की कुर्सी क्यों बचे? प्रधानमंत्री मोदी ने विधेयक पर दिया बयान Aajtak24 News

जेल जाने पर PM की कुर्सी क्यों बचे? प्रधानमंत्री मोदी ने विधेयक पर दिया बयान Aajtak24 News

नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में हाल ही में पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन विधेयक का जोरदार बचाव किया है। इस विधेयक में यह प्रावधान है कि यदि गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को 30 दिन या उससे अधिक समय तक हिरासत में रखा जाता है, तो उन्हें अपने पद से स्वतः हटना होगा। प्रधानमंत्री ने इस विधेयक को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि जब जेल जाने पर एक क्लर्क की नौकरी चली जाती है, तो फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी क्यों बचनी चाहिए?

भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस'

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले कई सालों में सत्ता में रहते हुए भी भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगने दिया है, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार की एक पूरी श्रृंखला चली थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, कार्रवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे की हिरासत के बाद निलंबित कर दिया जाता है, तो एक नेता जेल में रहकर भी सत्ता का सुख कैसे भोग सकता है? प्रधानमंत्री ने हाल के कुछ उदाहरणों का हवाला दिया, जहां जेल से ही फाइलों पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे और सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर नेताओं का यही रवैया रहा तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी?

विधेयक के मुख्य प्रावधान और उद्देश्य

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि संविधान हर जन प्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी है। इस विधेयक में मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया गया है। पीएम मोदी ने बताया कि यह कानून जब बन जाएगा तो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी के 30 दिनों के भीतर जमानत लेनी होगी। यदि 31वें दिन भी जमानत नहीं मिलती है, तो उसे अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। यह विधेयक भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा को बनाए रखने के लिए लाया गया है।

विरोधियों पर तीखा हमला

पीएम मोदी ने इस विधेयक का विरोध कर रहे कांग्रेस, लेफ्ट और आरजेडी जैसे दलों पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने जनता से सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि क्या जेल से सरकार चलनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जो लोग जेल गए हैं या जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वे इस कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि उनके पापों का खुलासा हो जाएगा और उनके सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे। उन्होंने विपक्ष पर जनहित के कामों का भी विरोध करने और 'सुबह-शाम मोदी को गाली' देने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिसने पाप किया होता है, वह उसे छिपाता है, और यही कारण है कि ये दल इतने गुस्से में हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह विधेयक देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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