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रीवा में संत के साथ प्रताड़ना का वायरल वीडियो: सनातन परंपरा और समाज पर सवाल saval Aajtak24 News |
रीवा - रीवा जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह एक संत के साथ कथित प्रताड़ना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक संत को रेस्टोरेंट परिसर में कुछ लोगों द्वारा अपमानित करते हुए दिखाया गया है, जिसने समाज में संतों की गरिमा, सनातन संस्कृति के सम्मान और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रेस्टोरेंट में भिक्षावृत्ति को लेकर विवाद
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब संत भिक्षा मांगने के लिए एक रेस्टोरेंट में पहुंचे। वह संभवतः अनजाने में काउंटर तक चले गए, जहां रेस्टोरेंट के कर्मचारियों और अन्य लोगों ने उन्हें चोर समझ लिया। इसके बाद संत को तीखे आरोपों के साथ प्रताड़ित किया गया और उन्हें अपमानित किया गया। आरोप है कि बिना किसी संवाद या पुष्टि के संत के साथ दुर्व्यवहार किया गया। यह घटना यह प्रश्न उठाती है कि क्या आज भिक्षा मांगना एक अपराध बन गया है? और क्या सनातन परंपरा का पालन करने वाले संन्यासियों के प्रति समाज में सम्मान घट रहा है?
वीडियो की वास्तविकता और प्रशासनिक चुप्पी
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति वास्तव में एक संत है या नहीं, लेकिन उसकी वेशभूषा और आचरण सनातन परंपरा के अनुरूप प्रतीत होते हैं। अभी तक यह भी जानकारी सामने नहीं आई है कि प्रताड़ित संत ने इस घटना की कोई शिकायत दर्ज कराई है या नहीं। जब इस संबंध में सिविल लाइन थाना और अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हो सका, जिससे प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
संतों का अपमान या सामाजिक मूल्यों का अवमूल्यन?
यह घटना धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है। भारतीय संस्कृति में संतों को न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शक माना जाता है, बल्कि वे सनातन परंपरा के वाहक भी होते हैं। उनकी सार्वजनिक अवमानना और प्रताड़ना समस्त धर्मप्रेमी समाज के लिए कष्टदायक है। यह सवाल उठता है कि क्या समाज इतना संवेदनहीन हो गया है कि सेवा, त्याग और संयम का जीवन जीने वाले संतों को भी इस तरह के अपमान का सामना करना पड़े?
निष्पक्ष जांच की आवश्यकता
इस घटना को केवल एक वायरल वीडियो तक सीमित नहीं रहना चाहिए। प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेते हुए एक निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। यदि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति वास्तव में एक संत है, तो दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि वह केवल वेशधारी भी है, तब भी प्रताड़ना की इस घटना को कानूनी दृष्टिकोण से अनदेखा नहीं किया जा सकता है।क्या यह घटना समाज की बदलती सोच का प्रतिबिंब है, या यह केवल एक ऐसी घटना है जिस पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है?