![]() |
रीवा में बिजली विभाग की घोर लापरवाही: खेत में डूबा ट्रांसफार्मर, झूलते तार बने 'मौत का फंदा'; ग्रामीणों की जान को खतरा Aajtak24 News |
रीवा - विज्ञान और डिजिटल इंडिया के इस दौर में भी रीवा जिले की गढ़ गंभीरपुर ग्राम पंचायत में बिजली विभाग की व्यवस्थाएं बेहद लचर और जानलेवा बनी हुई हैं। यहां खेतों के बीचोंबीच खुले में गड़ा एक ट्रांसफार्मर, अत्यधिक नीचे झूलते तार और चारों ओर फैला जलभराव मिलकर एक ऐसा खतरनाक माहौल बना रहे हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यह स्थिति कटरा विद्युत वितरण केंद्र के अंतर्गत आती है, लेकिन विभाग की घोर उदासीनता साफ नजर आ रही है।
बरसात में ट्रांसफार्मर बना मौत का कुआँ
ग्रामीणों के अनुसार, यह ट्रांसफार्मर बिना किसी सुरक्षा घेराबंदी या चेतावनी बोर्ड के खुले में स्थापित है। बरसात शुरू होते ही ट्रांसफार्मर के नीचे और आसपास का पूरा इलाका गहरे पानी में डूब गया है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि ट्रांसफार्मर के नंगे तारों और खुले जोड़ों पर बेधड़क 'कटिया कनेक्शन' डाले गए हैं, जिससे करंट कभी भी आसपास के जलमग्न क्षेत्र में फैल सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्षों में इसी ट्रांसफार्मर से करंट फैलने के कारण कई मवेशियों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। गांव के बुजुर्ग किसान रामदीन पटेल बताते हैं, "हमने जब से होश संभाला है, तब से यही हाल है। बरसात में हर साल डर के साए में जीते हैं। अब तो ट्रांसफार्मर में पानी भी भरने लगा है, लेकिन बिजली विभाग के लिए ये शायद जानलेवा नहीं, सामान्य बात है।" उनकी यह बात विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है।
बजट का बंदरबांट और अधिकारियों की चुप्पी
ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि हर साल बरसात से पहले लाइन सुधार और सुरक्षा घेराबंदी के नाम पर बिजली विभाग को मोटा बजट मिलता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। एक ग्रामीण युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार आपस में पैसा बांट लेते हैं। कभी कोई वायरिंग चेक नहीं होती, ट्रांसफार्मर की जाली नहीं लगती, और न तारों को व्यवस्थित किया जाता है। बरसात आते ही हर साल गांव वाले खुद की किस्मत के भरोसे जीते हैं।"
इस ट्रांसफार्मर से निकलने वाली बिजली की आपूर्ति लाइनें खेतों और आम रास्तों से होकर गुजरती हैं, और कई जगहों पर ये तार इतनी नीचे झूल रहे हैं कि बच्चे, महिलाएं और मवेशी आसानी से इनके संपर्क में आ सकते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद, विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जो प्रशासनिक उदासीनता और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
ग्रामीणों की मांगें और भविष्य का खतरा
गढ़ गंभीरपुर के ग्रामीण अब मांग कर रहे हैं कि ट्रांसफार्मर को तुरंत ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए, उसके चारों ओर मजबूत सुरक्षा घेराबंदी और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। साथ ही, झूलते तारों को व्यवस्थित करने और अवैध कटिया कनेक्शन हटाने की भी मांग की गई है। ग्रामीणों ने दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर जांच बैठाकर सख्त कार्रवाई की अपील की है, और बरसात के दौरान विद्युत लाइनों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
यह गढ़ गंभीरपुर की समस्या केवल एक गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में व्याप्त उस लापरवाही और भ्रष्टाचार की कहानी है, जहाँ इंसान की जान से ज्यादा अहमियत बजट के बंदरबांट को दी जाती है। यदि प्रशासन ने इस गंभीर खतरे पर तुरंत ध्यान नहीं दिया, तो यह लापरवाही किसी बड़ी जनहानि का कारण बन सकती है।