विदिशा में स्मार्ट मीटर का आतंक: बुजुर्ग को ₹69 लाख का बिल, बिगड़ी तबीयत और शहर भर में हड़कंप Aajtak24 News

विदिशा में स्मार्ट मीटर का आतंक: बुजुर्ग को ₹69 लाख का बिल, बिगड़ी तबीयत और शहर भर में हड़कंप Aajtak24 News

विदिशा/मध्य प्रदेश - विदिशा शहर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए लगाए गए स्मार्ट मीटर अब एक बड़ी मुसीबत का सबब बन गए हैं। बिजली वितरण कंपनी ने "पारदर्शी बिलिंग" के दावे के साथ पुराने मीटरों को हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाए थे, लेकिन हकीकत में ये मीटर लाखों रुपये के बेतुके बिल भेज रहे हैं, जिससे आम जनता की नींद हराम हो गई है और पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है।

लाखों के बिल से बुजुर्गों की बिगड़ी सेहत

होमगार्ड रोड पर रहने वाले मुरारीलाल तिवारी, जो अपनी पत्नी के साथ अकेले रहते हैं, उन्हें बिजली विभाग ने ₹69 लाख 75 हजार का चौंकाने वाला बिल थमा दिया। यह बिल केवल 219 यूनिट की खपत के लिए था, जो किसी भी सामान्य परिवार के लिए अकल्पनीय है। इस भारी-भरकम बिल को देखकर मुरारीलाल जी की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह मामला यहीं खत्म नहीं होता, उनके पड़ोसी महेंद्र सिंह रघुवंशी को भी ₹68 लाख का बिजली बिल भेजा गया है।

गरीब मजदूर भी परेशान: ₹7 लाख तक के बिल

यह समस्या केवल बुजुर्गों और मध्यम वर्ग तक सीमित नहीं है। झुग्गियों में रहने वाले गरीब मजदूर परिवार भी इस स्मार्ट मीटर के कहर से अछूते नहीं हैं। रूबी सैनी, योगेश अहिरवार, किरण अहिरवार और बृजेश सैनी जैसे मजदूर परिवारों को भी ₹7-7 लाख रुपये तक के बिजली बिल भेजे गए हैं। इन परिवारों का कहना है कि उनके घरों में केवल एक-दो बल्ब, पंखा और कूलर जैसे सामान्य उपकरण ही चलते हैं, फिर भी लाखों का बिल देखकर वे बेहद परेशान हैं। वे दो वक्त की रोटी कमाने वाले लोग हैं और इतना बड़ा बिल चुकाना उनके लिए असंभव है।

बिना सहमति मीटर बदले और पेनल्टी का बोझ

मुरारीलाल तिवारी ने बताया कि जब वे कुछ समय के लिए शहर से बाहर गए थे, तभी उनकी अनुपस्थिति में बिना किसी पूर्व सूचना या सहमति के उनका पुराना मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगा दिया गया। लौटने पर उन्हें लाखों का बिल मिला, जिसमें अब ₹1 लाख की अतिरिक्त पेनल्टी भी जोड़ दी गई है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिजली कंपनी ने बिना उनकी सहमति के मनमाने ढंग से मीटर बदले हैं और अब कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।

बिजली विभाग की सफाई और तकनीकी गड़बड़ी का बहाना

जब यह मामला बिजली विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा, तो उन्होंने इसे "सॉफ्टवेयर की तकनीकी गड़बड़ी" बताया। डीई अरविंद वर्मा ने कहा कि गड़बड़ी को सुधारा जा रहा है। ज़ोन-2 अधिकारी शरद महोबिया ने बताया कि शहर में कुल 7,000 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जिनमें से 107 उपभोक्ताओं के बिलों में भारी गड़बड़ी पाई गई है। अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने 60 हजार से ज़्यादा स्मार्ट मीटर लगाए हैं और वे बड़ी गड़बड़ियों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, उपभोक्ताओं का कहना है कि छोटे स्तर पर सैकड़ों-हजारों रुपये की हेराफेरी वाले बिलों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है और डर के कारण कई उपभोक्ता मन मारकर गलत बिल भी जमा कर रहे हैं। यह घटना स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है और बिजली कंपनी की पारदर्शिता के दावों को झूठा साबित करती है।

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