केरल में निपाह का खौफनाक लौटान: एक और मौत से हड़कंप, 6 जिलों में हाई अलर्ट, सरकार सख्त एक्शन में me Aajtak24 News

केरल में निपाह का खौफनाक लौटान: एक और मौत से हड़कंप, 6 जिलों में हाई अलर्ट, सरकार सख्त एक्शन में me Aajtak24 News 

पलक्कड़/केरल - केरल में निपाह वायरस एक बार फिर से अपना सिर उठा रहा है, जिससे राज्य भर में गहरा डर फैल गया है। बीते 12 जून को पलक्कड़ में हुई एक व्यक्ति की मौत ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है। आशंका है कि इस मौत की वजह निपाह ही थी, क्योंकि मृतक का सैंपल पॉजिटिव पाया गया है। हालांकि, केरल सरकार पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से अंतिम पुष्टि का इंतजार कर रही है, लेकिन एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं।

बढ़ता खतरा और त्वरित सरकारी प्रतिक्रिया

यह पलक्कड़ जिले में इस साल निपाह वायरस से संबंधित दूसरी मौत है। इससे पहले, मलप्पुरम का एक व्यक्ति भी निपाह की चपेट में आकर दम तोड़ चुका है। इस नई घटना ने केरल सरकार को अत्यधिक सतर्क कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की है और 6 जिलों के अस्पतालों में निपाह अलर्ट जारी कर दिया है। इन जिलों में पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर, वायनाड और त्रिशूर शामिल हैं, जहां विशेष निगरानी के आदेश दिए गए हैं।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और बचाव के बड़े कदम

स्वास्थ्य विभाग ने मृतक के संपर्क में आए 46 लोगों की एक विस्तृत सूची तैयार की है। इनमें से कई लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और अन्य स्रोतों के जरिए की जा रही है। उनके आवागमन को ट्रैक करने के लिए एक विस्तृत रूट मैप और फैमिली ट्री भी तैयार किया गया है। इसके अलावा, इन 46 लोगों के संपर्क में आए 543 अन्य लोगों की भी कॉन्टैक्ट लिस्ट बनाई गई है। इनमें से 36 लोगों को 'अत्यधिक जोखिम' (Highest Risk Category) और 128 लोगों को 'उच्च जोखिम' (High Risk Category) की श्रेणी में रखकर उनकी गहन निगरानी की जा रही है।

अस्पतालों के लिए सख्त एडवाइजरी और जन अपील

निपाह के प्रसार को रोकने के लिए, केरल सरकार ने प्रभावित जिलों के अस्पतालों के लिए सख्त एडवाइजरी जारी की है। अब अस्पतालों में सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, तेज बुखार या इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन) जैसे निपाह के संभावित लक्षणों वाले किसी भी मरीज का तुरंत निपाह टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से अस्पतालों में जाने से बचें, खासकर पलक्कड़ और मलप्पुरम जिलों में। मंत्री वीना जॉर्ज ने जोर दिया है कि अस्पताल में भर्ती किसी रिश्तेदार या परिचित से मिलने के लिए भीड़ न लगाएं और मरीज के साथ केवल एक ही अटेंडेंट जाए।

क्या है निपाह वायरस?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में और फिर मनुष्यों से मनुष्यों में फैल सकती है। यह मुख्य रूप से चमगादड़ों या संक्रमित जानवरों के जरिए मनुष्यों तक पहुँचती है। इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी शामिल हैं, और गंभीर मामलों में यह मस्तिष्क में सूजन (एनसिफेलाइटिस) का कारण बन सकती है, जो घातक हो सकती है। केरल सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और इस घातक वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। क्या राज्य इस बार निपाह के खतरे को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर पाएगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post