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मऊगंज में 10 करोड़ से ज़्यादा की अवैध खनन पर शिकंजा: पट्टा निरस्त, लीजधारक पर भारी जुर्माना jurmana Aajtak24 News |
मऊगंज/मध्य प्रदेश - मऊगंज जिले में खनिज संपदा के अवैध दोहन पर प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी और सख्त कार्रवाई की है। ग्राम हर्रहा के कदुआमन बांध के जल डूब क्षेत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के स्पष्ट दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए किए गए अवैध पत्थर उत्खनन के मामले में, प्रशासन ने लीजधारक कृष्ण कुमार सिंह पर ₹10 करोड़ 8 लाख 1 हजार का भारी-भरकम जुर्माना ठोका है। इसके साथ ही, उनका खनन पट्टा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है और जमा की गई उनकी पूरी प्रतिभूति राशि भी जब्त कर ली गई है। इस कार्रवाई से पूरे जिले में अवैध खनन गतिविधियों में लिप्त लोगों के बीच हड़कंप मच गया है।
NGT के 'प्रतिबंधित क्षेत्र' में धड़ल्ले से खनन
यह बड़ी कार्रवाई 8 मई, 2025 को राजस्व और खनिज विभाग की संयुक्त पैमाइश और जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई। जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ कि लीजधारक कृष्ण कुमार सिंह, जो सीधी जिले के नेगुड़ा के निवासी हैं, ने स्वीकृत खनन क्षेत्र खसरा नंबर 3/2/2 की निर्धारित सीमा का उल्लंघन किया। उन्होंने स्वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर खसरा नंबर 7/1 में अनाधिकृत रूप से खनन गतिविधियां संचालित कीं। खसरा नंबर 7/1 वही क्षेत्र है जो कदुआमन बांध के जल डूब क्षेत्र में आता है और जिसे NGT द्वारा स्पष्ट रूप से "प्रतिबंधित क्षेत्र" घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह का खनन पूरी तरह से वर्जित है। जांच में पाया गया कि इस प्रतिबंधित क्षेत्र से लगभग 67,200 घनमीटर पत्थर का अवैध उत्खनन किया गया था, जो पर्यावरणीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
जांच में उजागर हुईं चौंकाने वाली अनियमितताएं और सुरक्षा मानकों की अनदेखी
राजस्व और खनिज विभाग की संयुक्त रिपोर्ट ने केवल अवैध उत्खनन तक ही सीमित नहीं रहने वाली अनियमितताओं को उजागर किया है। जांच टीम ने पाया कि खनन स्थल पर सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई थी। मौके पर न तो कोई सुरक्षा व्यवस्था मौजूद थी, न ही कोई अनिवार्य साइनबोर्ड या फेंसिंग लगाई गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि खनन सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था। इसके अलावा, खनन के लिए आवश्यक ब्लास्टिंग की वैध अनुमति भी प्राप्त नहीं की गई थी, जो एक बड़ी लापरवाही और कानूनी उल्लंघन है। इन सभी बिंदुओं ने लीजधारक की गैर-जिम्मेदाराना और अवैध गतिविधियों को पूरी तरह से पुष्ट किया।
जुर्माने का विस्तृत ब्योरा और भविष्य की चेतावनी
प्रशासन ने लीजधारक कृष्ण कुमार सिंह पर जो कुल ₹10,08,01,000 का जुर्माना लगाया है, उसका विस्तृत ब्योरा इस प्रकार है:
रॉयल्टी चोरी: ₹33.60 लाख
अर्थदंड (Penalty): ₹5.04 करोड़ (रॉयल्टी के 15 गुना)
पर्यावरण क्षतिपूर्ति: ₹5.04 करोड़ (रॉयल्टी के 15 गुना)
प्रशमन शुल्क: ₹1,000
इस भारी-भरकम राशि को 15 दिन के भीतर सरकारी कोष में जमा करने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर यह राशि जमा नहीं की जाती है, तो मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियम 2022 की धारा 18(5) के तहत और भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें संपत्ति की कुर्की और अन्य दंडात्मक प्रावधान शामिल हैं।
कलेक्टर की सख्त चेतावनी: "एनजीटी के नियमों से कोई समझौता नहीं"
मऊगंज के कलेक्टर संजय कुमार जैन ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “एनजीटी और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ प्रशासन बिना किसी रियायत के कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा। जिले में खनन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।” कलेक्टर के इस बयान से यह साफ हो गया है कि मऊगंज प्रशासन अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाईयां जारी रहेंगी। इस कदम से जिले भर के खनन व्यवसाय से जुड़े लोगों में भय का माहौल है, जो यह दर्शाता है कि प्रशासन अपने इरादों में पूरी तरह से गंभीर है।