शशि थरूर की दहाड़ और ट्रंप के दावे का खंडन:
वाशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने, जो अमेरिका में सर्वदलीय संसदीय दल का नेतृत्व कर रहे थे, स्पष्ट कर दिया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर वैश्विक जागरूकता फैलाना ही उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य था। उन्होंने ट्रंप प्रशासन के उस दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि भारत-पाकिस्तान युद्ध को टालने में उनकी व्यापार कूटनीति का हाथ था। थरूर की यह सीधी बात भारत की दृढ़ता और आत्म-निर्भर कूटनीति का प्रमाण है।
दुनिया भर में गूंजी भारत की गर्जना, पाकिस्तान को कोने में धकेला:
भारतीय प्रतिनिधिमंडलों की धुआंधार कूटनीति के आगे दुनिया के कई देशों के मंत्री और महत्वपूर्ण हस्तियां झुक गईं। हर बहुदलीय दल ने पहलगाम आतंकी हमले, पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचे और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दी।
- कोलंबिया: थरूर के नेतृत्व वाले दल ने कोलंबिया सरकार को भारत के खिलाफ दिए गए अपने ही बयान को वापस लेने पर मजबूर कर दिया। यह भारत की बढ़ती कूटनीतिक शक्ति का सीधा प्रमाण है।
- जापान: जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व वाले दल ने जापान को सीमा पार आतंकवाद के खतरे की गंभीरता समझाई। जापान, जो सीमा पार घुसपैठ या उग्रवाद से अपेक्षाकृत अछूता रहा है, अब इस वैश्विक खतरे को गंभीरता से लेने लगा है।
- ब्राजील: ब्रिक्स सम्मेलन से पहले, थरूर के दल ने ब्राजील को सीमा पार आतंकी ढांचे की जानकारी दी, जिससे उन्हें आतंकवाद पर अपना रुख तय करने में मदद मिलेगी।
मुस्लिम देशों में भी खुला पाकिस्तान का 'राज':
सबसे बड़ा कूटनीतिक 'प्रहार' मुस्लिम देशों पर किया गया, जहां भारतीय सांसदों ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ा दीं:
- मिस्र और इंडोनेशिया: ये दोनों देश, जो इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में पाकिस्तान के विचारों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, भारत के साथ मजबूती से खड़े हुए। दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला इंडोनेशिया किसी भी तरह के अलगाववाद और आतंकवाद को गलत मानता है, जबकि मिस्र आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ सख्त रुख रखता है।
- सऊदी अरब, बहरीन और यूएई: इन प्रमुख मुस्लिम देशों में सांसदों ने भारत की सुरक्षा साझेदारी को और मजबूत किया, जिससे पाकिस्तान की OIC में भूमिका और कमजोर हुई।
- अल्जीरिया: जय पांडा के नेतृत्व वाले दल ने पाकिस्तान से आने वाले 'सलामी आतंकियों' से होने वाले खतरे के बारे में बताया, जिससे अल्जीरिया भी चौकन्ना हो गया।
UNSC से लेकर यूरोपीय सहयोगियों तक, भारत ने जमाया रंग:
जिन देशों में भारतीय नेता अक्सर नहीं जाते, वहां भी सांसदों की यात्राएं निर्णायक साबित हुईं:
- कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया: ये देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अस्थायी सदस्य बनने वाले हैं। सिएरा लियोन और लाइबेरिया दोनों ने सीमा पार आतंकवाद पर भारत के रुख का पुरजोर समर्थन किया, जिससे UNSC में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
- रूस और फ्रांस: इन पुराने रणनीतिक साझेदारों के साथ भारत की मजबूत सुरक्षा और रक्षा साझेदारी को सांसदों ने फिर से दोहराया।
- इटली, स्लोवेनिया, लातविया, स्पेन और यूके: इन यूरोपीय देशों की यात्राओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किस तरह लगातार पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है, जिससे इन देशों का समर्थन भारत के पक्ष में और मजबूत हुआ।
अमेरिका में कांग्रेस सदस्यों का साथ, पाकिस्तान की नींद हराम:
अमेरिका में थरूर के नेतृत्व वाले दल ने 119वीं कांग्रेस में भारत और भारतीय अमेरिकियों पर बने संसदीय कॉकस के नेताओं से मुलाकात की। रो खन्ना, रिच मैककॉर्मिक, एंडी बार और मार्क वेसी जैसे प्रभावशाली सदस्यों ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और इस पर एकमत दिखे, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।
'ऑपरेशन सिंदूर': पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क पर अंतिम प्रहार
पहलगाम हमले के बाद शुरू हुआ 'ऑपरेशन सिंदूर' पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का एक निर्णायक अभियान है। इन विश्वव्यापी प्रतिनिधिमंडलों ने इस अभियान को वैश्विक समर्थन दिलाया है, जिससे पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है। इंडोनेशिया से लेकर मिस्र तक, UNSC के भावी सदस्यों से लेकर यूरोपीय सहयोगियों तक, हर देश ने भारत के इस 'गेम चेंजिंग' कदम का समर्थन किया है। यह सिर्फ एक कूटनीतिक जीत नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आतंकवाद के खेल पर अंतिम प्रहार की शुरुआत है!