बेंगलुरु भगदड़ कांड: RCB की जीत बनी 'मौत का मातम', 11 की मौत के बाद RCB अफसर सहित 4 लोग जेल में, सीएम का सख्त एक्शन action Aajtak24 News


बेंगलुरु भगदड़ कांड: RCB की जीत बनी 'मौत का मातम', 11 की मौत के बाद RCB अफसर सहित 4 लोग जेल में, सीएम का सख्त एक्शन action Aajtak24 News 

बेंगलुरु -  रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली IPL ट्रॉफी जीत का जश्न बुधवार, 4 जून 2025 को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में तबाही में बदल गया। हजारों की बेकाबू भीड़ के बीच मची भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली और 50 से अधिक को घायल कर दिया, जिससे RCB की ऐतिहासिक जीत अब गहरी चोट बन गई है। इस हृदय विदारक घटना के बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

RCB मार्केटिंग हेड समेत 4 गिरफ्तार, गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज

इस दुखद हादसे के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले को बेंगलुरु एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह मुंबई भागने की फिराक में थे। उनके साथ ही इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के तीन अधिकारियों को भी हिरासत में ले लिया गया है। इन सभी पर गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई इस बात का स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन इस मामले में किसी भी लापरवाही को बख्शने के मूड में नहीं है।

मुख्यमंत्री का सख्त रुख: पुलिस कमिश्नर निलंबित, न्यायिक जांच के आदेश

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने तत्काल प्रभाव से बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सीमांत कुमार सिंह को नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि RCB, DNA इवेंट कंपनी और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के संबंधित प्रतिनिधियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। कैबिनेट बैठक के बाद सीएम ने घोषणा की कि इस दुखद घटना की निष्पक्ष जांच के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। आयोग को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है, ताकि घटना के पीछे के कारणों और जिम्मेदार लोगों का जल्द से जल्द पता चल सके।

सियासी घमासान: भाजपा ने मांगा इस्तीफा, सरकार पर 'गंदी राजनीति' का आरोप

इस भीषण हादसे के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार पर "गंदी राजनीति" करने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद सरकार जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। यह घटना अब एक राजनीतिक तूफान का रूप ले चुकी है, जिसमें सरकार पर चौतरफा दबाव बन रहा है।

कैसे हुआ 'मौत का जश्न'? क्षमता से अधिक भीड़ और सुरक्षा में सेंध

शुरुआती जांच और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के अनुसार, स्टेडियम में जश्न का कार्यक्रम तय क्षमता से कहीं ज्यादा लोगों को बुलाकर आयोजित किया गया था। स्टेडियम में न तो प्रवेश और निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था थी और न ही भीड़ नियंत्रण का कोई मजबूत प्लान। नतीजा यह हुआ कि एक छोटे से गेट पर भारी भीड़ जमा हो गई और लोगों को सांस लेने की जगह नहीं मिली। भगदड़ मचने के बाद लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए, जिससे 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। यह घटना सुरक्षा चूक और कुप्रबंधन का एक जीता जागता उदाहरण है, जिसने RCB की ऐतिहासिक जीत को हमेशा के लिए एक काले अध्याय में बदल दिया है। 

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