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मऊगंज के बहुती जलप्रपात में युवती का क्षत-विक्षत शव मिला, पहचान हुई पर परिजन लेने को तैयार नहीं nahi Aajtak24 News |
मऊगंज/नईगढ़ी - जिले के दो भागों में विभाजित होने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था का अभाव पर्यटन स्थलों पर लगातार देखा जा रहा है। इसी का एक दुखद उदाहरण मऊगंज जिले के बहुती जलप्रपात में सामने आया है, जहाँ 8 जून 2025 को एक अज्ञात युवती का क्षत-विक्षत शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। बहुती जलप्रपात में लोगों द्वारा आत्महत्या करने या कहीं और से लाकर शव फेंकने का सिलसिला जारी है, और सरकारी लापरवाही के कारण यहाँ न तो रेलिंग है और न ही सीसीटीवी कैमरे।
शव की पहचान, लेकिन परिजन असमंजस में
स्थानीय लोगों की नज़र जब जलप्रपात के नीचे पानी में उतराते शव पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। नईगढ़ी थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से दुर्गम पहाड़ियों के बीच से शव को बाहर निकाला। युवती की उम्र करीब 20 से 25 वर्ष बताई जा रही है और उसने आसमानी रंग का सलवार-कुर्ता पहन रखा था। शव की खराब स्थिति से अनुमान लगाया गया कि मौत तीन से चार दिन पहले हुई होगी।
मिली जानकारी के अनुसार, 8 जून को मिले इस शव की पहचान दीपिका उर्फ माही (पिता स्वर्गीय राजेश, निवासी वार्ड 05, मऊगंज) के रूप में हुई है। मृतका के भाई ने हाथ में बने टैटू और नाक की नथ के आधार पर उसकी पहचान की। बताया गया है कि दीपिका 2 जून को बाजार के लिए निकली थी, लेकिन फिर घर नहीं लौटी, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 4 जून को मऊगंज थाने में दर्ज कराई गई थी।
हालांकि, समाचार लिखे जाने तक परिवार शव लेने के लिए तैयार नहीं है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस संबंध में थाना प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
पुलिस जांच जारी, सुरक्षा पर सवाल
शव को पंचनामा कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी भेजा गया है, जहाँ पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल रही है। थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर ने बताया कि युवती की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं और जिले के सभी थाना प्रभारियों को सूचना भेज दी गई है, ताकि गुमशुदा युवतियों से इसका मिलान कराया जा सके। पुलिस ने क्षेत्रवासियों से भी अपील की है कि यदि किसी को युवती की पहचान से संबंधित कोई जानकारी हो, तो वह तुरंत पुलिस से संपर्क करे।
यह घटना बहुती जलप्रपात जैसे पर्यटक और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था के अभाव को उजागर करती है। पूर्व रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी. ने धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन रीवा जिले के विभाजन के बाद भी इन स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का अभाव स्पष्ट देखा जा रहा है। सरकार द्वारा इन स्थलों पर रेलिंग या सीसीटीवी कैमरे जैसी बुनियादी सुरक्षा व्यवस्था न होने से ऐसे दुखद घटनाओं का सिलसिला जारी है।