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चारधाम यात्रा पर संकट गहराया! बद्रीनाथ धाम में अलकनंदा नदी का रौद्र रूप, श्रद्धालुओं को अलर्ट जारी jari Aajtak24 News |
बद्रीनाथ/उत्तराखंड - इस साल की चारधाम यात्रा पर एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. पिछले दिनों केदारनाथ में हुए हादसे के बाद, अब भगवान विष्णु के धाम बद्रीनाथ में भी अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे श्रद्धालुओं की चिंताएं बढ़ गई हैं। नदी का पानी वराह शीला तक पहुंच चुका है, जो मानसून के दौरान और भी भयावह हो सकता है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय लोगों और चारधाम यात्रियों से नदी के करीब न जाने की अपील की है। पुलिस टीमें लगातार अनाउंसमेंट कर रही हैं कि कोई भी श्रद्धालु अलकनंदा नदी की ओर न जाए, क्योंकि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है।
अलकनंदा का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व
अलकनंदा नदी उत्तराखंड के पवित्र नगर बद्रीनाथ से होकर बहती है। यह नदी न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती है, बल्कि इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी बहुत बड़ा है। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, और अलकनंदा इसकी पवित्रता को और भी बढ़ा देती है। माना जाता है कि इस नदी का जल पवित्र है और इसमें स्नान करने से पापों का नाश होता है।
यहां एक गर्म पानी का स्रोत (तप्तकुंड) है जो अलकनंदा के पास ही स्थित है। श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर में प्रवेश से पहले इसी तप्तकुंड में स्नान करते हैं. इसकी भाप और गर्म जल का तापमान प्राकृतिक रूप से उच्च रहता है, और यह भी माना जाता है कि इसमें औषधीय गुण होते हैं। अलकनंदा का तेज प्रवाह, बर्फीले पर्वत, हरे-भरे पहाड़ और मंदिर की पृष्ठभूमि इसे बेहद मनमोहक बनाते हैं। यह यात्रियों और भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक और प्रकृति से जुड़ा अनुभव प्रदान करता है। अलकनंदा नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और प्रकृति का अद्भुत संगम है, जो बद्रीनाथ यात्रा को पूर्णता प्रदान करती है। इस स्थिति को देखते हुए, चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सावधानी बरतने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है।