शहडोल में 'D इंटरप्राइजेज' का भ्रष्टाचार तांडव: पंचायत सचिव पर लगा डबल प्रभार के साथ ठेकेदारी का गंभीर आरोप aarop Aajtak24 News

शहडोल में 'D इंटरप्राइजेज' का भ्रष्टाचार तांडव: पंचायत सचिव पर लगा डबल प्रभार के साथ ठेकेदारी का गंभीर आरोप aarop Aajtak24 News 

शहडोल - शहडोल जिले की गोहपारू तहसील में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ ग्राम पंचायत सचिव चंद्रशेखर सिंह पर डबल प्रभार का फायदा उठाते हुए बड़े पैमाने पर विकास कार्यों में धांधली और शासकीय राशि के गबन का आरोप लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक शासकीय कर्मचारी होने के बावजूद, उनके पुत्र शिवम सिंह पर इन्हीं पंचायतों में ठेकेदारी करने और घटिया निर्माण के माध्यम से भ्रष्टाचार करने का आरोप है। इस पूरे गोरखधंधे में 'D इंटरप्राइजेज' नामक एक कथित फर्म का नाम सामने आ रहा है, जिसके जरिए पैसों का हेरफेर किया जा रहा है।

ऑन द रिकॉर्ड शासकीय कर्मचारी, ऑफ द रिकॉर्ड ठेकेदारी का खेल

जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत सचिव चंद्रशेखर सिंह को दो पंचायतों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। आरोप है कि वे अपने इस डबल प्रभार का दुरुपयोग कर रहे हैं और दोनों ही पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों में जमकर सेंधमारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि यह एक ऐसा मामला है जहाँ शासकीय कर्मचारी और ठेकेदारी एक ही परिवार के भीतर गुंथी हुई है, जिससे हितों का टकराव साफ नजर आता है।

सचिव का बेटा ही पंचायतों में ठेकेदार!

यह मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब यह पता चलता है कि सचिव चंद्रशेखर सिंह का पुत्र शिवम सिंह इन्हीं पंचायतों में ठेकेदारी का काम कर रहा है। आरोप है कि शिवम सिंह द्वारा पंचायतों के अंदर निर्माणाधीन कार्यों में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है और शासकीय राशि का बड़े पैमाने पर गबन किया जा रहा है। इसका सीधा अर्थ है कि पंचायत का पैसा सीधे-सीधे उस परिवार के पास जा रहा है, जिसका मुखिया पंचायत का सचिव है। इससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

'D इंटरप्राइजेज' नामक फर्जी फर्म से बिलिंग का आरोप

सूत्रों की मानें तो इस पूरे भ्रष्टाचार में 'D इंटरप्राइजेज' नामक एक फर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस फर्म के नाम से पंचायत के खाते से शासकीय राशि आहरित की जाती है। सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि 'D इंटरप्राइजेज' नामक यह फर्म केवल कागजों में ही सीमित है और इसका मुख्य काम केवल पैसे निकालने का है। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सीधे तौर पर शासकीय धन के बड़े पैमाने पर गबन और फर्जीवाड़ा का मामला है।

जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल

ग्राम पंचायत रतहर में विकास योजनाओं में लगने वाली राशि पर पलीता लगाने का काम जोरों पर चल रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक शासकीय कर्मचारी जो अपने ही पंचायत में अपने ही पुत्र से निर्माण कार्यों के नाम पर आधा-अधूरा और घटिया निर्माण कराकर 'लूट की दुकान' खोल कर बैठा हुआ है, उसकी जांच आखिर जनपद में बैठे जिम्मेदार अधिकारी क्यों नहीं करते? यह चुप्पी अधिकारियों की मिलीभगत या उदासीनता की ओर इशारा करती है।

यदि कथित ग्राम पंचायत में हुए निर्माण कार्यों की निष्पक्ष और सघन जांच की जाए, तो खुद-ब-खुद सारा सच सामने आ जाएगा। इसके साथ ही, 'D इंटरप्राइजेज' नामक फर्म के नाम पर पंचायत में लग रहे बिलों की भी सघन जांच जरूरी है। इस पूरी प्रक्रिया की गहन पड़ताल से ही शासन की राशि का गबन करने वाले दोषियों को सजा मिल सकेगी और जनता के पैसे का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।

यह मामला मध्य प्रदेश में पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार की भयावह तस्वीर पेश करता है, जहाँ जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग ही नियमों को ताक पर रखकर जनता के पैसे को लूटने में लगे हैं। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।

Post a Comment

Previous Post Next Post