भोपाल में पंचायत सचिवों का बड़े पैमाने पर तबादला अभियान: 7 दिनों में 43 सचिवों की बदली पदस्थापना, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता पर जोर jor Aajtak24 News


भोपाल में पंचायत सचिवों का बड़े पैमाने पर तबादला अभियान: 7 दिनों में 43 सचिवों की बदली पदस्थापना, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता पर जोर jor Aajtak24 News

भोपाल: मध्य प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का सिलसिला जारी है, और इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में पंचायत सचिवों के बड़े पैमाने पर हुए तबादलों ने सुर्खियां बटोरी हैं। पिछले सात दिनों के भीतर कुल 43 पंचायत सचिवों का स्थानांतरण किया गया है, जिसमें मंगलवार देर रात जारी 13 सचिवों की नई सूची भी शामिल है। यह कदम वर्षों से एक ही स्थान पर जमे या अपने गृह/ससुराल के समीप पदस्थ सचिवों को स्थानांतरित कर प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नई जान फूंकने और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सालों से जमे सचिवों पर चला गाज: भोपाल जिले की ग्राम पंचायतों में कई सालों से एक ही जगह पर पदस्थ सचिवों को अब नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह देखा गया था कि कुछ सचिव अपनी पैतृक पंचायतों या ससुराल के नजदीकी क्षेत्रों में जमे हुए थे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में निष्पक्षता और जवाबदेही पर सवाल उठ रहे थे। इस स्थिति को सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जारी की गई नवीनतम सूची में भी उन्हीं सचिवों को प्राथमिकता दी गई है, जो लंबे समय से एक ही पंचायत में कार्यरत थे। इस पहल को प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

कार्यमुक्त होते ही नई पंचायत में ज्वाइन करना होगा अनिवार्य: तबादला किए गए इन सभी 43 सचिवों के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें अपनी पुरानी पंचायत से तत्काल कार्यमुक्त होकर 14 दिनों के भीतर नई पदस्थापना वाली पंचायत में कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा। इस नियम का पालन न करने पर उनके वेतन और अवकाश पर सीधा असर पड़ेगा। स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कार्यमुक्त होने और नई पंचायत में विधिवत ज्वाइन करने के बाद ही उन्हें वेतन का भुगतान किया जाएगा और वे किसी भी प्रकार की छुट्टी का लाभ उठा पाएंगे। यह नियम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि तबादलों की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो और प्रशासनिक कार्यों में कोई बाधा न आए। समय पर कार्यभार ग्रहण न करने वाले सचिवों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान रखा गया है।

प्रभारी मंत्री की मंजूरी और जनप्रतिनिधियों की राय का समावेश: इन तबादलों की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखने का प्रयास किया गया है। तबादला सूची को अंतिम रूप देने से पहले जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप से विधिवत अनुमोदन प्राप्त किया गया है। इससे पहले, 10 जून को भी मंत्री कश्यप ने 30 सचिवों के तबादलों को मंजूरी दी थी। इन तबादलों में स्थानांतरण नीति के निर्धारित मानदंडों (क्राइटेरिया) के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सलाह और सुझावों को भी महत्व दिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि बदलावों का सकारात्मक प्रभाव पड़े और स्थानीय विकास कार्यों को गति मिल सके।

भोपाल जिले का प्रशासनिक ढांचा और तबादलों का महत्व: भोपाल जिले में कुल 222 ग्राम पंचायतें हैं, जो बैरसिया और फंदा नामक दो जनपद पंचायतों के अंतर्गत आती हैं। पंचायत सचिव इन ग्राम पंचायतों के प्रशासनिक और विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह तबादला अभियान इन जनपदों की पंचायतों के भीतर ही किया गया है। इस प्रकार के प्रशासनिक फेरबदल से पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ने की उम्मीद है, साथ ही नए स्थानों पर नई ऊर्जा के साथ काम करने से योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी।

भविष्य के लिए सख्त नियम: जारी आदेश में कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी जोड़ी गई हैं, जिनका पालन सभी सचिवों को करना होगा:

  • यदि किसी सचिव के रिश्तेदार पहले से ही नई पदस्थापना वाली पंचायत में पंचायत पदाधिकारी हैं, तो वह तबादला स्वतः ही रद्द माना जाएगा। यह कदम हितों के टकराव से बचने और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
  • यदि किसी सचिव की पोस्टिंग उसकी पैतृक या ससुराल की पंचायत में हुई है, तो उस तबादले को भी निरस्त माना जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सचिव अपने व्यक्तिगत संबंधों का लाभ उठाकर पद का दुरुपयोग न कर सकें।

कुल मिलाकर, भोपाल में पंचायत सचिवों के ये बड़े पैमाने पर हुए तबादले मध्य प्रदेश सरकार की प्रशासनिक सुधारों और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि इन बदलावों से ग्रामीण स्तर पर प्रशासनिक कार्यप्रणाली और मजबूत होगी, जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी और आम जनता को बेहतर सेवाएं मिल पाएंगी।

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