मध्य प्रदेश सरकार के बड़े फैसले: पदोन्नति नियमों को मिली हरी झंडी, 2 लाख नए पद और ऊर्जा क्षेत्र को मिला बूस्ट bust Aajtak24 News

मध्य प्रदेश सरकार के बड़े फैसले: पदोन्नति नियमों को मिली हरी झंडी, 2 लाख नए पद और ऊर्जा क्षेत्र को मिला बूस्ट bust Aajtak24 News

भोपाल/मध्य प्रदेश - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक राज्य के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इन फैसलों ने न सिर्फ प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की नींव रखी है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों को भी नई दिशा दी है। बैठक का सबसे बड़ा और दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025 का अनुमोदन रहा। यह नियम सरकारी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के मार्ग को स्पष्ट करेगा और सबसे महत्वपूर्ण, लगभग 2 लाख नए पद निर्मित करेगा, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और प्रशासन में कार्यक्षमता बढ़ेगी। ये नियम आरक्षित वर्गों के हितों की रक्षा करते हुए मेरिट और वरिष्ठता के संतुलन पर आधारित हैं, जो एक न्यायसंगत और पारदर्शी व्यवस्था की नींव रखेंगे। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने विशेष जनजाति क्षेत्रों में 459 नवीन आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना और संचालन के लिए 143 करोड़ 46 लाख रुपये की स्वीकृति देकर बच्चों और माताओं के पोषण व विकास को प्राथमिकता दी है। यह कदम PM-JANMAN कार्यक्रम के तहत आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विकास की इस कड़ी में, म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को आगामी पांच वर्षों के लिए 5,163 करोड़ रुपये की पूंजीगत योजनाओं के क्रियान्वयन की मंजूरी मिली है। यह राशि राज्य की विद्युत पारेषण प्रणाली को मजबूत करेगी, जिससे प्रदेश भर में बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा और औद्योगिक व कृषि विकास को गति मिलेगी। ये सभी निर्णय मध्य प्रदेश को विकास और सुशासन के पथ पर आगे ले जाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

नवीन पदोन्नति नियम, 2025: आरक्षण और कार्यदक्षता पर जोर

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025 को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य आरक्षित वर्गों के हितों का संरक्षण करते हुए प्रशासन में सुधार और कार्यक्षमता बढ़ाना है।

  • आरक्षण का प्रावधान: नए नियमों के तहत, अनुसूचित जनजाति के लिए 20% और अनुसूचित जाति के लिए 16% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। साथ ही, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोकसेवकों को भी मेरिट के आधार पर पदोन्नति प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा।
  • अग्रिम DPC और वरिष्ठता: आगामी वर्ष की रिक्तियों के लिए वर्तमान वर्ष में ही पदोन्नति समिति की बैठक कर चयन सूची बनाने का प्रावधान किया गया है (अग्रिम डी.पी.सी.)। पदोन्नति में वरिष्ठता का पर्याप्त ध्यान रखा जाएगा, जिसमें वरिष्ठ लोक सेवकों में से न्यूनतम अंक लाने वाले मेरिट के आधार पर पात्र होंगे। प्रथम श्रेणी के लोक सेवकों के लिए मेरिट-कम-सीनियरिटी का प्रावधान किया गया है।
  • कार्यदक्षता को प्रोत्साहन: नए नियम कार्यदक्षता को प्रोत्साहित करेंगे और पदोन्नति के लिए अपात्रता का स्पष्ट निर्धारण किया गया है, जिसमें दंड के प्रभाव को भी स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है।
  • समीक्षा और पारदर्शिता: किसी भी विभागीय पदोन्नति समिति के निर्णय की समीक्षा के लिए रिव्यू डी.पी.सी. की बैठक आयोजित करने के स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। नवीन पदोन्नति नियमों में परिभ्रमण (Rotation) की व्यवस्था समाप्त की गई है, जिससे पदोन्नति के लिए अधिक पद उपलब्ध हो सकेंगे।
  • विशेष प्रावधान: चतुर्थ श्रेणी के लिए कोई अंक व्यवस्था नहीं होगी, केवल उपयुक्त होने पर ही पदोन्नति मिल सकेगी। अर्हकारी सेवा के लिए आंशिक सेवा को भी पूर्ण वर्ष की सेवा माना जाएगा। गोपनीय प्रतिवेदन (ACR) की अनुपलब्धता के कारण पदोन्नति न रुकने और पदोन्नति मिलने पर पूरी वरिष्ठता देने का प्रावधान भी किया गया है।
  • सरल प्रक्रिया: केवल कारण बताओ नोटिस के आधार पर बंद लिफाफा की कार्यवाही नहीं की जाएगी, जिससे अधिक लोक सेवकों को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। कुल मिलाकर, इन नियमों से लगभग 2 लाख नए पद निर्मित होंगे, जिससे प्रशासन में सुधार और कार्यक्षमता बढ़ने की उम्मीद है।

459 नवीन आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना: बच्चों और माताओं को लाभ

मंत्रि-परिषद ने 'सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0' योजना के तहत विशेष जनजाति क्षेत्रों में PM-JANMAN कार्यक्रम के लिए 459 नवीन आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना, संचालन और भवन निर्माण के लिए 143 करोड़ 46 लाख रुपये की स्वीकृति दी है।

  • नए पदों का सृजन: इन केंद्रों के संचालन के लिए 459 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (मानसेवी), 459 आंगनवाड़ी सहायिका (मानसेवी) और पर्यवेक्षण के लिए 26 पर्यवेक्षक (नियमित शासकीय सेवक) के पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है।
  • वित्तीय प्रावधान: योजना पर वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक 143 करोड़ 46 लाख रुपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 72 करोड़ 78 लाख रुपये और राज्य का हिस्सा 70 करोड़ 68 लाख रुपये होगा।

विद्युत पारेषण कंपनी को 5163 करोड़ रुपये का अनुमोदन: मजबूत होगी बिजली अधोसंरचना

मंत्रि-परिषद ने मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 के लिए विभिन्न पूंजीगत योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु 5 हजार 163 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया है।

  • वित्त पोषण: इस योजना के लिए 20% अंशपूंजी राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी, जबकि शेष 80% ऋण वित्तीय संस्थाओं/बैंकों से प्राप्त किया जाएगा।
  • योजना के मुख्य बिंदु:
    • केंद्रीय पारेषण इकाई से स्वीकृत पारेषण प्रणाली सुदृढीकरण के लिए निर्माण और उन्नयन: 1154 करोड़ रुपये
    • सिंहस्थ-2028 के लिए आवश्यक कार्य: 185 करोड़ रुपये
    • प्रदेश में नवीन अति उच्चदाब उपकेंद्रों का निर्माण: 1015 करोड़ रुपये
    • मुरैना संभागीय मुख्यालय और ग्वालियर शहर के उत्तरी भाग को विद्युत आपूर्ति के लिए नवीन अति उच्चदाब लाइनों का निर्माण: 54 करोड़ रुपये
    • विद्यमान अति उच्चदाब ट्रांसफार्मरों की क्षमता संवर्धन/वृद्धि: 1280 करोड़ रुपये
    • RDSS योजना के अंतर्गत वितरण कंपनियों के लिए 184 नए 33 KV बे निर्माण: 81 करोड़ रुपये
    • DP/FP लाइन को DCDS/DCSS टॉवर लाइन में रूपांतरण: 662 करोड़ रुपये
    • अति उच्चदाब टेप लाइनों के स्थान पर LILO और एकल स्रोत से प्रदायित उपकेंद्रों के लिए नई लाइनों का निर्माण: 451 करोड़ रुपये
    • SCADA प्रणाली का प्रतिस्थापन, 132 KV द्वितीय मुख्य बस और 132/33 KV बस कपलर का निर्माण, 33 KV कैपेसिटर बैंक की स्थापना एवं अन्य कार्य: 281 करोड़ रुपये

ये सभी निर्णय मध्य प्रदेश के प्रशासनिक सुधार, महिला एवं बाल विकास और विद्युत अधोसंरचना को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।


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