रीवा के गढ़ ग्राम में रामचरितमानस अखंड पाठ का आयोजन, श्रद्धालुओं ने की मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना prathana Aajtak24 News

 

रीवा के गढ़ ग्राम में रामचरितमानस अखंड पाठ का आयोजन, श्रद्धालुओं ने की मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना prathana Aajtak24 News 

रीवा/गढ़  -  जनपद पंचायत गंगेव के अंतर्गत, रीवा जिले के गढ़ ग्राम पंचायत, तहसील मनगवा में स्थित प्रसिद्ध जल सरोवर के उत्तर दिशा में स्थित कुलदेवी मनकटी माता मंदिर में 18 मई, 2025 को अखंड रामचरितमानस पाठ का आयोजन श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ शुरू हुआ। इस आध्यात्मिक आयोजन की पहल ग्रामवासी रामचंद्र तिवारी ने की, जिसमें स्थानीय ग्रामवासियों के साथ-साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।

भक्तिमय वातावरण और सुंदर गायन

पूरे दिन और रात चले इस अखंड पाठ में हरिवंश उर्फ़ दादी तिवारी, रोहित तिवारी, रमेश विश्वकर्मा, वीरप्पन विश्वकर्मा, उदल विश्वकर्मा समेत मानस मंडली के अन्य सदस्यों ने मधुर भजन और श्रीरामचरितमानस के सुंदर कांड, अरण्य कांड आदि का भावपूर्ण गायन कर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। यह आयोजन धार्मिक उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत रहा, जिसने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कुलदेवी मनकटी माता की महिमा और मंदिर का विस्तार

मनकटी माता को ग्राम गढ़ की कुलदेवी माना जाता है। ग्रामवासी विशेष रूप से सोमवार और गुरुवार को माता की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मनकटी माता के दरबार में सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना अवश्य फलदायी होती है, जिससे श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। ग्राम में किसी भी शुभ कार्य – जैसे विवाह, नामकरण या गृह प्रवेश – से पहले कुलदेवी का पूजन आवश्यक माना जाता है, जो उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है। मंदिर परिसर का लगातार विस्तार हो रहा है। श्रद्धालुओं के सहयोग से हाल ही में यहां पंचमुखी हनुमान, शनि देव, दुर्गा माता तथा सीता-राम-लक्ष्मण के भव्य मंदिरों का निर्माण कराया गया है, जिससे यह स्थान अब एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

भंडारे का आयोजन और सांस्कृतिक विरासत

रामचरितमानस पाठ की पूर्णाहुति के बाद 19 मई, 2025 को एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसमें समस्त ग्रामवासियों और दूर-दराज से आए आगंतुक श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण और सामूहिक भोज की व्यवस्था की गई है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि ग्रामवासियों की एकता, सद्भाव और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भी झलक प्रस्तुत करता है। यह धार्मिक आयोजन भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत का काम करेगा, जो उन्हें अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़े रखेगा।


Post a Comment

Previous Post Next Post