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पाकिस्तान को 'पानी' से परेशान करेगा भारत! सिंधु नदी परियोजनाओं पर तेज़ी से काम शुरू, समझौते पर फिलहाल 'ब्रेक' brack Aajtak24 News |
नई दिल्ली - केंद्र सरकार अब पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए सिंधु नदी के पानी का बेहतर इस्तेमाल करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर और आसपास के राज्यों में सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर सिंचाई और बिजली परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करना है। पुलवामा हमले के बाद सिंधु जल समझौते को रोके जाने के बाद यह पहली ऐसी महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय (MEA), बिजली मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया।
परियोजनाओं को मिलेगी प्राथमिकता, फंड में भी इज़ाफ़ा
इस अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सिंधु नदी पर सिंचाई नहरों, नेविगेशन परियोजनाओं और निर्माणाधीन बिजली परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। एक सूत्र ने बताया कि चूंकि सिंधु जल संधि अभी रुकी हुई है, इसलिए भारत को पाकिस्तान के साथ पानी के बहाव का डेटा या परियोजना की जानकारी साझा करने की ज़रूरत नहीं है। इससे भारत को मौजूदा पनबिजली परियोजनाओं के जलाशयों से गाद निकालने में भी आसानी होगी, जिससे उनकी पानी जमा करने की क्षमता बढ़ जाएगी और इसके लिए भी पाकिस्तान को सूचित करने की बाध्यता नहीं होगी।
हाल ही में, भारत ने चिनाब नदी पर बनी दो पनबिजली परियोजनाओं - बागलीहार और सलाल - के जलाशयों में अतिरिक्त पानी जमा करने के लिए गाद निकाली थी। बिजली मंत्रालय के अधिकारियों को चार निर्माणाधीन पनबिजली परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने और तीन और परियोजनाओं के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेकर मंजूरी लेने को कहा गया है। अनुमान है कि पश्चिमी नदियों से लगभग 20,000 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है, लेकिन अभी तक भारत में केवल 4,000 मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजनाएं ही बनी हैं।
'आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते' - भारत का स्पष्ट संदेश
भारत ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में कह दिया है कि "आतंकवाद और पानी एक साथ नहीं चल सकते।" विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान को भारत में हमले करने वाले आतंकवादियों को वापस करना होगा।
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, "मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।" उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर पर कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (PoK) को खाली करने पर ही होगी।
अधिकारी ने बताया कि सिंधु जल समझौता तब तक रुका रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, 'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।' इसका सीधा मतलब है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता, तब तक सिंधु जल समझौता निलंबित रहेगा और भारत अपने हिस्से के पानी का पूरा इस्तेमाल करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।