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भोपाल में 'लव जिहाद' के अड्डे पर चला बुलडोजर, हिंदू छात्राओं के शोषण का हुआ अंत Aajtak24 News |
भोपाल - भोपाल में हिंदू लड़कियों से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के सनसनीखेज मामले में आखिरकार कार्रवाई हुई है। जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों ने मिलकर उस कैफे- क्लब-90 के रिसॉर्ट वाले हिस्से को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया, जिसे मुस्लिम युवकों ने 'लव जिहाद' का अड्डा बना रखा था। यह कार्रवाई राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के भोपाल पहुंचने के महज दो घंटे बाद की गई, जिसने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। यह कैफे नगर निगम की संपत्ति है, जिसे लीज पर दिया गया था। हालांकि, कैफे के संचालक ने यहां अवैध रूप से छह अतिरिक्त कमरों का निर्माण कर उन्हें रिसॉर्ट में तब्दील कर दिया था। प्रशासन ने इस अवैध निर्माण को मानते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। पुलिस जांच में सामने आया है कि दुष्कर्म का मुख्य आरोपी फरहान और उसका गिरोह इसी रिसॉर्ट के कमरों में हिंदू छात्राओं को लाता था और उनका यौन शोषण करता था।
एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम द्वारा लीज निरस्त करने के बाद क्लब-90 के कैफे को भी सील कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच टीम ने अवैध रूप से बनाए गए इन कमरों को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। टीम ने सवाल किया कि इतने लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियां चलने के बावजूद अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और लीज क्यों नहीं निरस्त की गई। इससे पहले, सकल हिंदू समाज की महिलाओं ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपकर सारिक मछली नामक व्यक्ति पर कैफे क्लब-90 के संचालन की आड़ में एक गिरोह चलाने का आरोप लगाया था।
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने टेक्नोक्रेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (टीआईटी) कॉलेज का भी दौरा किया, जहां से इस मामले के तार जुड़े हुए हैं। आयोग ने कॉलेज में महिला सुरक्षा के इंतजामों को नाकाफी पाया। वहां छात्राओं की उत्पीड़न की शिकायतों के लिए बनी विशाखा कमेटी केवल नाममात्र की पाई गई। आयोग की टीम यह जानकर हैरान रह गई कि दुष्कर्म के मुख्य आरोपी फरहान को कॉलेज की ओर से 55 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही थी, जबकि उसकी उपस्थिति बहुत कम थी। इसके बावजूद उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी।
आयोग की टीम ने तीन पीड़िताओं को होटल में बुलाकर उनके बयान भी दर्ज किए। सुबह आयोग की जांच टीम ने डीआईजी कैलाश मकवाना और भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र से करीब एक घंटे तक मुलाकात कर पूरे मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी ली। आयोग ने प्रशासनिक अधिकारियों को पीड़ित छात्राओं को मुआवजा राशि दिलाने का भी निर्देश दिया है। इस त्वरित कार्रवाई से यह उम्मीद जगी है कि प्रशासन 'लव जिहाद' जैसे गंभीर अपराधों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा और पीड़ितों को न्याय दिलाएगा।