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यूके में चमत्कारिक ऑपरेशन: मां के पेट से बाहर निकालकर हुआ बच्चे का जन्म, फिर लौटाया गया गर्भ में me Aajtak24 News |
यूके - मेडिकल साइंस ने एक बार फिर असंभव को संभव कर दिखाया है। एक सामान्य स्थिति में जहां बच्चा एक ही बार जन्म लेता है, वहीं यूनाइटेड किंगडम में एक महिला के बेटे को दो बार जन्म लेने का अद्भुत अवसर मिला। यह चमत्कारिक घटना ऑक्सफोर्ड की शिक्षिका लूसी इसाक के साथ हुई, जो गर्भवती होने के दौरान ओवेरियन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते में लूसी की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में इस कैंसर का पता चला। जब डॉक्टरों से पूछा गया कि क्या बच्चे के जन्म के बाद इलाज मुमकिन है, तो जवाब ‘ना’ में था। डॉक्टरों का मानना था कि इससे कैंसर और तेजी से फैल सकता है, जिससे मां और बच्चे दोनों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
ऐसे में लूसी और उनके पति ने साहसिक निर्णय लेते हुए गर्भवस्था के दौरान ही ऑपरेशन और कैंसर का इलाज करवाने का निर्णय लिया। डॉ. सोलेमानी माजद और उनकी टीम ने इस जोखिम भरे ऑपरेशन को अंजाम दिया, जो करीब 5 घंटे तक चला। इस ऑपरेशन के दौरान लूसी का गर्भ, जिसमें बच्चा पल रहा था, अस्थायी रूप से उनके शरीर से बाहर निकाला गया। कैंसर ट्यूमर का इलाज सफलतापूर्वक किया गया और फिर गर्भ को सुरक्षित रूप से शरीर में दोबारा स्थापित कर दिया गया। यह पूरी प्रक्रिया मेडिकल साइंस के इतिहास में एक दुर्लभ और संवेदनशील सर्जरी के रूप में दर्ज हो गई है। डॉक्टर माजद ने इस केस को "भावनात्मक और जटिल" बताया। उन्होंने कहा कि इस सर्जरी में उन्हें बच्चे के साथ एक विशेष आत्मीयता महसूस हुई, मानो वह बच्चा उनका भी कोई अपना हो।
जनवरी में जब लूसी ने अपने बेटे रैफर्टी को जन्म दिया, तो वह पूरी तरह स्वस्थ और सामान्य था। वहीं लूसी अब कैंसर मुक्त हैं और सामान्य जीवन जी रही हैं। उन्होंने डॉक्टर माजद और उनकी टीम का दिल से आभार व्यक्त किया और अस्पताल पहुंचकर व्यक्तिगत रूप से उनका धन्यवाद किया। यह पूरी घटना लूसी के परिवार के लिए एक भावनात्मक यात्रा रही। रैफर्टी के जन्म ने न केवल उनकी जान बचाई बल्कि परिवार को नई उम्मीद और जीवन का नया अर्थ दिया। यह उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले ही लूसी के पति एडम का भी किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। ऐसे में यह एक और बड़ी चुनौती थी, जिसे पूरे परिवार ने साहस और विश्वास के साथ पार किया। यह मामला एक प्रेरणा है, यह दर्शाता है कि विज्ञान, संवेदनशीलता और दृढ़ निश्चय मिलकर असंभव को भी संभव बना सकते हैं। लूसी और उनके बेटे रैफर्टी की कहानी उन लाखों परिवारों के लिए आशा की किरण है जो कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद नहीं छोड़ते।