.कोंडागांव - राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार श्री उत्तरा कुमार कश्यप प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के मार्गदर्शन में कलेक्ट्रेट परिसर कोण्डागांव के सभा कक्ष में महिलाओं के प्रति बड़ते हुए यौन उत्पीड़न को रोकथाम एवं LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों एवं चुनौती के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन।इस कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने हेतु सर्वप्रथम समस्त न्यायाधीशगण के द्वारा मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया गया।तत्पश्चात इस दौरान श्री विक्रम प्रताप चन्द्रा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोण्डागांव के द्वारा बताया गया की LGBTQIA+ समुदाय क्या है उनके अधिकार क्या है तथा ट्रांसजेण्डर प्रोटेक्शन राईट एक्ट 2019 के अंतर्गत समुदाय के अधिकार एवं चुनौती के संबंध में बताया कि उन्हें सम्मान और समानता का अधिकार है। किसी की पहचान एवं लैंगिकता के आधार पर भेदभाव मानवता के खिलाफ है। बिना भेदभाव के उनके अधिकारों को दिलाने तथा उनके दैनिक दिनचर्या में आने वाली चुनौतियों के संबंध में जानकारी दी गई एवं श्रीमती मनिषा ठाकुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोण्डागांव के द्वारा यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की सुरक्षित कार्यस्थल न केवल महिलाओं की गरिमा की रक्षा करता है बल्कि एक सकारात्मक उत्पादक वातावरण का निर्माण करता है। उक्त अधिनियम का पालन सभी महिलाओं का पालन कर हम महिलाओं को समान अवसर और आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं। सााथ ही मास्टर ट्रेनिंग के लिए डाॅ. भुनेश्वरी पैंकरा डी.एस.पी. कोण्डागांव, श्री नरेन्द्र सोनी जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमती सावेत्री मरकाम महिला एवं बाल विकास विभाग एवं श्रीमती ललिता लकरा उप संचालक समाज कल्याण विभाग से मानसिक रूप से असक्षम और दिव्यांगजनों के संबंध में एवं स्वास्थ्य विभाग से मधु बघेल क्लीनिकल सायकोलाॅजिस्ट के द्वारा मनो-न्याय के संबंध में, सुश्री अनुराधा मेश्राम, श्री पारस मानिकपुरी संकाय सदस्य जिला पंचायत संसाधन केन्द्र कोण्डागांव के द्वारा जो पंचायत गांव स्तर पर होने वाले महिलाओं पर लैंगिक उत्पीड़न एवं उन्हें रोकने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।साथ ही सुश्री गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा कार्यक्रम की सम्मापन की घोषणा करते हुए बताया की इस अधिनियम के उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकना और उनका समाधान करना तथा ऐसे उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र प्रदान करना है एवं इस लैंगिक उत्पीड़न को रोकने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता शिविर आयोजित करने हेतु कार्यक्रम में उपस्थित समस्त विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया गया।इस कार्यशाला के अवसर पर श्री कमलेश कुमार जुर्री जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.एस.सी.) पाॅक्सो कोण्डागांव, श्रीमान विक्रम प्रताप चन्द्रा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोण्डागांव, श्रीमती यशोदा नाग जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) कोण्डागांव, श्रीमती मनिषा ठाकुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोण्डागांव, श्रीमान शिव प्रकाश त्रिपाठी न्यायिक मजिट्रेट प्रथम श्रेणी कोण्डागांव एवं सुश्री गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव एवं समस्त विभाग के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण व अधिकार मित्र उपस्थित थे।
Tags
kondaghav