बीएसएफ और स्थानीय युवाओं के बीच खो-खो प्रतियोगिता में बढ़ी सामंजस्य की भावना Sense of harmony increased in Kho-Kho competition between BSF and local youth


बीएसएफ और स्थानीय युवाओं के बीच खो-खो प्रतियोगिता में बढ़ी सामंजस्य की भावना Sense of harmony increased in Kho-Kho competition between BSF and local youth



कांकेर  — 11वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल ने सीओबी दण्डकवन में खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें 11, 30, 135 और 162 वीं वाहिनियों की टीमों ने भाग लिया।

फाइनल मुकाबला उप महानिरीक्षक श्री हरिंदरपाल सिंह सोही की अध्यक्षता में 11वीं और 135 वीं वाहिनी की टीमों के बीच खेला गया, जिसमें 135 वीं वाहिनी की टीम ने विजय हासिल की। इस प्रतियोगिता की विशेषता यह रही कि इसमें शामिल सभी टीमों में बीएसएफ के खिलाड़ियों के साथ-साथ स्थानीय युवा खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया था।

प्रतियोगिता में हर टीम का चयन 50 प्रतिशत स्थानीय युवा खिलाड़ियों के साथ किया गया। श्री हरिंदरपाल सिंह सोही ने विजेता टीम को ट्रॉफी और सभी खिलाड़ियों को मेडल प्रदान किए। उन्होंने बताया कि खो-खो भारत की पारंपरिक संस्कृति का एक प्राचीन खेल है, जो धीरे-धीरे विलुप्त हो चुका था। सीमा सुरक्षा बल द्वारा इस खेल को पुनः जागृत करने के उद्देश्य से यह प्रतियोगिता आयोजित की गई है।

प्रतियोगिता में स्थानीय युवाओं का कौशल देखने लायक था, और उन्होंने अपने-अपने टीम के लिए पूरी मेहनत की। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय युवाओं और बीएसएफ सैनिकों के बीच बेहतर सौहार्द विकसित करना था।

इस कार्यक्रम में बीएसएफ के कई अधिकारी, जैसे श्री शंकर प्रसाद साहु (कंमाडेंट 11 वाहिनी), श्री राजनरायण मिश्रा (कंमाडेंट), श्री नवल सिंह (कंमाडेंट 135 वाहिनी), श्री दिनेश कुमार (डिप्टी कंमाडेंट), श्री प्रदीप कुमार मिश्रा (डिप्टी कंमाडेंट) और श्री एस एस नायर (डिप्टी कंमाडेंट) के साथ-साथ स्थानीय पंचायत के सदस्य और ग्रामीण भी उपस्थित थे।

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