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जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग बना दुर्घटनाओं का केंद्र बिंदु, सड़कों की खस्ता हालत से बढ़ रहीं दुर्घटनाएँ durghatna Aajtak24 News |
रीवा - जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 और 35 पर निर्माण कार्य 2018-19 में पूरा हुआ था, लेकिन तब से ही ये सड़कें अपनी खराब गुणवत्ता और अधूरे निर्माण के कारण दुर्घटनाओं का प्रमुख केंद्र बन गई हैं। मऊगंज और रीवा जिलों को जोड़ने वाले इन सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे और ऊँच-नीच हो चुकी सतह से वाहन चालकों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मनगवा, नईगढी, गढ़ और गंभीरपुर कटरा आदि हैं, जहाँ आए दिन सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं। दो पहिया वाहन चालकों के लिए यह सड़कें बेहद असुरक्षित साबित हो रही हैं। टू-व्हीलर वाहन चालक बिना हेलमेट और बिना लाइसेंस के तेज रफ्तार में गाड़ियाँ चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे बड़ा चिंता का विषय यह है कि इन दुर्घटनाओं में न केवल घायल बल्कि मृतकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वहीं, पशुओं का सड़कों पर अचानक आ जाना भी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। विशेष रूप से, सड़कों की मरम्मत और चौड़ीकरण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है, लेकिन इसके बावजूद टोल वसूली चालू कर दी गई है। वाहनों में लगातार बृद्धि हो रही लेकिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्रिज का निर्माण भी अधूरा है साथ ही जगह जगह पर रोड़ के डिवाइडर टूटे है और बिना पार्किंग स्थल वाहनों को रोड़ पर पार्क करना व गैर नियम रोड पर ढाबा संचालित करना , जिससे यातायात में बाधा आ रही है और दुर्घटनाओं का जोखिम और बढ़ गया है। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से इन समस्याओं के निराकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जबकि सड़क की हालत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। स्थानीय जनता में रोष है कि इन सड़कों का निर्माण बड़े उद्योगपतियों और व्यापारिक समूहों के माल ढोने के लिए किया गया है, जबकि आम जनता के लिए ये सड़कें केवल दुःख और दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। प्रतिदिन हजारों ओवरलोड वाहन इन सड़कों से गुजरते हैं, जिससे सड़क की सतह और कमजोर होती जा रही है।
सुधार की आवश्यकता
सड़कों की स्थिति सुधारने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जाँच होनी चाहिए और टू-व्हीलर चालकों के लिए हेलमेट और लाइसेंस का अनिवार्य पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, पशुओं के सड़कों पर आने से रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाने चाहिए। सरकार द्वारा सख्त नियमों के बावजूद, टोल वसूली तब तक बंद रहनी चाहिए जब तक सड़कों की स्थिति पूरी तरह से सुधर नहीं जाती। रीवा जिले की जनता अब और दुर्घटनाओं की शिकार नहीं बनना चाहती और उन्हें सुरक्षित परिवहन का अधिकार मिलना चाहिए।