महासमुंद - औद्योगिक कारखानों की जांच के लिए गठित जिला स्तरीय संयुक्त टीम ने आज करणी कृपा पावर प्लांट का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के आदेश पर किया गया, जिसमें टीम के सदस्यों ने विभिन्न विभागों के तहत पावर प्लांट की गतिविधियों का मूल्यांकन किया।
इस निरीक्षण के दौरान खनिज विभाग द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया कोई उल्लंघन नहीं पाया गया। हालांकि, आगे की जांच के लिए संबंधित दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। परिवहन विभाग ने ओवर लोडिंग गाड़ियों की जांच की, लेकिन प्रमुख खामियां अन्य विभागों से मिलीं। विधिक मापविज्ञान नापतौल विभाग ने धर्मकांटा और छोटा इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरण को अमानक और बिना सील पाया, जिससे माप तौल में अनियमितताएं उजागर हुईं।
पर्यावरण विभाग ने भी निरीक्षण करते हुए पाया कि सीडी बिल्डिंग सें फ्यूजिटीव उत्सर्जन हो रहा है और हाउसकीपिंग व्यवस्था संतोषजनक नहीं थी। समिति ने इन खामियों को लेकर प्रबंधन को जवाब तलब किया है।
इस जांच टीम में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के प्रबंधक श्री शशिकांत सिंह, छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल के श्री प्रवीण नाग, विधि माप विज्ञान नाप तौल के सिद्धार्थ दुबे, खनिज अधिकारी श्री सनत कुमार साहू, जिला परिवहन अधिकारी श्री रामकुमार ध्रुव, और श्रम पदाधिकारी श्री डी.एल. पात्र सहित अन्य सदस्य शामिल थे।
ज्ञातव्य है कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री विनय लंगेह के निर्देशानुसार, जिले में स्थित वृहद उद्योगों, खतरनाक उद्योगों, निर्माणाधीन प्रोजेक्टों और खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों की जांच के लिए जिला स्तरीय संयुक्त टीम का गठन किया गया है। इस टीम का उद्देश्य उद्योगों में नियमों के पालन और सुरक्षा मानकों की निगरानी करना है।