धान खरीदी को लेकर सरकार की नीति में अस्पष्टता: विनोद चंद्राकर Ambiguity in government's policy regarding paddy procurement: Vinod Chandrakar |
महासमुंद - पूर्व संसदीय सचिव और महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने धान खरीदी को लेकर सरकार की नीति और नियत पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 14 नवंबर से धान खरीदी का निर्णय लेकर इसे 14 दिन विलंबित कर दिया है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
चंद्राकर ने बताया कि पिछले वर्ष धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये था, जबकि इस वर्ष केंद्र सरकार ने केवल 117 रुपये की वृद्धि की है, जिससे सरकार को 3217 रुपये में धान खरीदना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि 14 दिन की देरी के बदले धान खरीद का समय 14 दिन आगे बढ़ाया जाए ताकि सभी किसानों का धान खरीदा जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की चिंता नहीं है, और सहकारी समितियों के कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों की नाराजगी के चलते 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई है, जिससे धान खरीदी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। महासमुंद जिले में 182 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी होती है, जिसमें 700 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।
चंद्राकर ने बताया कि सहकारी समितियों के कर्मचारी धान खरीदी के साथ-साथ उचित मूल्य की दुकान, शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण वितरण, और खाद-बीज वितरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन कर्मचारियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है, जिसका असर किसानों की धान खरीदी पर पड़ेगा। सरकार की लापरवाही से धान खरीदी में अव्यवस्था और बाधा उत्पन्न होने की आशंका है।