पद्मश्री रंजना गौहर ने कबीर के जीवनी पर दी ओडिसी नृत्य की सजीव प्रस्तुति prastuti Aajtak24 News

 


पद्मश्री रंजना गौहर ने कबीर के जीवनी पर दी ओडिसी नृत्य की सजीव प्रस्तुति prastuti Aajtak24 News

रायगढ़ - भक्तिकाल के महान कवि कबीर का जीवन नृत्य विधा के जरिए आज चक्रधर समारोह के मंच पर तब सजीव हो उठा जब पद्मश्री रंजना गौहर ने ओडिसी नृत्य के माध्यम से उनकी जीवन यात्रा को दिखाया। रहस्यवादी कवि कबीर के अपने माता नीमा और पिता नीरू से संवाद और उनके जीवन के अलग अलग पड़ावों, उनकी सीख और अनुभवों को पद्मश्री रंजना गौहर और उनके साथी कलाकारों ने नृत्य मुद्राओं से रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। कबीर के दोहों और भजन पर सुरमयी और लयबद्ध प्रस्तुति देखना दर्शकों के लिए अद्भुत अनुभव रहा।      श्रीमती रंजना गौहर को ओडिसी नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए 2003 में प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह भारत के राष्ट्रपति से 2007 में राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं। वे ख्यातिप्राप्त नृत्यांगना होने के साथ ही प्रसिद्ध पटकथा लेखक, कोरियोग्राफर और फ़िल्म निर्मात्री भी हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ,बचपन में कथक सीखने के बाद उन्होंने मणिपुरी नृत्य सीखा और ओडिसी नृत्य से साक्षात्कार होने पर उन्होंने अपना जीवन इसी नृत्य शैली को समर्पित कर दिया। उन्होंने डॉक्यूमेंट्रीज बनाकर ओडिसी नृत्य को पूरे देश में विशिष्ट पहचान दिलाई। मिले। उन्होंने अपनी किताब ओडिसी, 'द डांस डिवाइन' में ओडिसी नृत्य की बारीकियों को बताया है। 'ओडिसी' ओडिशा राज्य की एक शास्त्रीय नृत्य शैली है। इस शैली का जन्म मंदिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था।




Post a Comment

Previous Post Next Post