जीपीएस सिस्टम के नाम पर वाहन स्वामियों को लूट रहा परिवहन विभाग - विनोद चंद्राकर chandrakar Aajtak24 News |
महासमुंद - पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाजार में 3 से 4 हजार रु. में मिलने वाले जीपीएस सिस्टम को परिवहन विभाग द्वारा निजी कंपनियों से अनुबंध कर 13500 रु. में लगाकर वाहन स्वामियों को लूटने का काम किया जा रहा है। इसमें कमिशन का बड़ा खेल खेला जा रहा है, जिसमें विभागीय मंत्री व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। श्री चंद्राकर ने कहा कि यदि वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य है, तो वाहन मालिकों को बाजार से सस्ते दर पर उपलब्ध जीपीएस सिस्टम खरीदने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। साथ ही, परिवहन विभाग को जिन एजेंसियों के साथ अनुबंध किया गया है, उसे तत्काल रद्द करना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा पहले से लगे जीपीएस सिस्टम को परिवहन विभाग अमान्य करार दे रहा है। इस स्थिति में, वाहन मालिकों को परिवहन विभाग द्वारा अनुबंधित एजेंसियों से नया जीपीएस सिस्टम खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इतना ही नहीं, कई शिकायतें आई हैं कि 13,500 रुपये वसूलने के बावजूद एजेंसियां वाहन में जीपीएस सिस्टम सही तरीके से नहीं लगातीं, और न ही उसका पासवर्ड देती हैं। वे केवल जीपीएस लगा होने का प्रमाण पत्र जारी करती हैं, जिसे देखकर परिवहन विभाग फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासनकाल के 15 सालों में परिवहन विभाग काली कमाई का अड्डा बन गया था। जहाँ विभिन्न प्रकार के टोकन बनाकर भारी वसूली की जाती थी। अब एक बार फिर वही स्थिति लौट आई है। चंद्राकर ने कहा कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ के अलावा किसी भी राज्य में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य नहीं है, यहाँ तक कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के गृह राज्य महाराष्ट्र में भी यह अनिवार्यता लागू नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ में केवल कमिशन खोरी के लिए यह सिस्टम थोपा जा रहा है। श्री चंद्राकर ने कहा कि 2017-18 में भाजपा सरकार के दौरान जीपीएस सिस्टम को अनिवार्य किया गया था और वाहन मालिकों से वसूली की जा रही थी। जब कांग्रेस की सरकार आई तो उसने इस वसूली पर रोक लगा दी थी। अब, भाजपा की सरकार बनते ही फिर से वाहन मालिकों को प्रताड़ित कर अवैध वसूली का सिलसिला शुरू हो गया है।