रायगढ़ बना रेत माफियाओं का बड़ा अड्डा, सत्ता और विपक्ष में बैठे नेताओं का संरक्षण sarkshan Aajtak24 News |
रायगढ़ - जिले में इन दिनों रेत खनन का कार्य जोरों से जारी है जिले में रेत माफिया और माइनिंग अमले की मिलीभगत से धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है। जिले के साथ ही आसपास के शहरों में भी रेत बेची जा रही है।लेकिन खनिज विभाग के अफसरों को कार्यवाही करने के लिए फुर्सत नहीं है खनिज विभाग को फुर्सत मिले भी कैसे आखिर सारा कारोबार मिलीभगत से जो चल रहा है। जिले में उसरौट , जामपाली, तारापुर, औराभाठा में रेत माफियाओं का अड्डा बना हुआ है। बता दें यही से पुरे जिले भर में सप्लाई की जा रही है खनिज विभाग को इसकी भली भांति खबर है लेकिन यहां सब सेटिंग में काम चल रहा है। बता दें कि जिले में मांड नदी बड़ी नदी है सरकार चाहे जिस किसी भी दल की हो यहां पर सत्ताधारी और विपक्ष दोनों के नेताओं की आपसी सहमति और मेल मिलाप से रेत का कारोबार चलाया जा रहा है। यही कारण है कि खनिज विभाग भी चुप रहता है खनिज विभाग को शिकायत पहुंचती है पर इसपर कार्यवाही नही के बराबर होती है रेत परिवहन का बड़े स्तर पर कारोबार किया जा रहा है माफिया जनप्रतिनिधि के रूप में तब्दील होने के बाद से ही रेत का तो इन्हें परमिट ही मिल गया है।
छोटी मोटी कार्यवाही कर थपथपाई जाती है पीठ, बड़े माफिया को छूट
कार्यवाही के नाम पर खनिज विभाग के अधिकारी और अमला डंपर और ट्रकों की अनदेखी कर कभी कभार कोई ट्रेक्टर ट्राली पकड़ कर कार्यवाही का ढिंढोरा पीटकर शासन और जनता में यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि वे अपने कार्य में कितने सक्रिय हैं लेकिन हकीकत में यह सक्रियता महज औपचारिक कार्यवाही तक ही नजर आती है नदियों से रात के अंधेरे में रेत निकाली जा रही है और उसे उजाला होने के पहले ही लोड करके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है। अवैध रेत के कारोबार में ज्यादातर बड़े लोग माफिया में शामिल है, जिनकी खनिज विभाग से मिलीभगत जग जाहिर है यही कारण है कि सूचना और जानकारी होने के बाद न तो खदानों पर रेड डाली जाती है और न ही अवैध रेत ढो रहे ट्रक डंपर पकड़े जाते है।