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एलएलबी की डिग्री के आवेदन क्या आए चकरघिन्नी हो गए डीएवीवी कर्मचारी karmchari Aajtak24 News |
इंदौर - देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी हमेशा अपने किसी न किसी काम को लेकर चर्चाओं में रहती है। ताजा मामला यूनिवर्सिटी में एलएलबी की डिग्री के आवेदनों से संबंधित है। एक साथ 600 आवेदन लगने पर एलएलबी की डिग्री बनाने वाले, चैकिंग करने वाले से लेकर डिस्पैच करने वाले यूनिवर्सिटी कर्मचारी तक चकरघिन्नी हो गए हैं। अधिकारी और कर्मचारियों की हालत यह है कि वे किसी से सीधे मुंह बात तक नहीं कर रहे हैं। कई आवेदकों ने कर्मचारियों द्वारा अभद्रता और बदतमीजी किए जाने की बात बताई है। यहां तक कि कर्मचारियों ने तो कई महिला आवेदकों से आवेदन तक नहीं लिए और उन्हें अपने कार्यालय से बाहर जाने का कह दिया। इसके बाद परेशान होकर महिला आवेदकों ने किसी प्रकार की जुगाड़ लगाकर और गैर जरूरी पैसा देकर आवेदन फाइल करवाया।जानकारी अनुसार वर्तमान में बार काउंसिल आफ इंडिया ने करीब 1500 वकीलों को नोटरी के लिए लाइसेंस प्रदान किए हैं। उनके दस्तावेजों के साथ एलएलबी की डिग्री भी लगाई जाना है। जैसे ही बार काउंसिल आफ इंडिया ने वकीलों को नोटरी के लाइसेंस के लिए सूची जारी की वकील जिन्होंने वर्षों पहले एलएलबी की पढ़ाई की और डिग्री नहीं निकलवाई सभी ने आवेदन फाइल किया। ऐसे में एक साथ ऑनलाइन आवेदन और उसके बाद की प्रक्रिया पूर्ण करने पर 600 आवेदन एक साथ यूनिवर्सिटी में फाइल हो गए। इन सभी आवेदनों में सिर्फ एलएलबी की डिग्री प्रदान किया जाना है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में डिग्री के आवेदन देख देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के अधिकारी और कर्मचारी तो मानों चकरघिन्नी बन गए और इसके बाद तो उन्होंने बदतमीजी तक शुरू कर दी। यहां तक की कर्मचारियों ने कई वकीलों तक से बदतमीजी कर दी। इसके बाद हंगामा की स्थिति भी बन गई, जिसे बहुत मुश्किल से संभाला गया।
सिर्फ डाक से भेज रहे डिग्री, पर्सनल लेने वालों को कर रहे इनकार
बताया जा रहा है की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कर्मचारी एलएलबी की डिग्री के आवेदकों को सीधे डाक से उनके घर भेज रहे हैं। जो आवेदक बाय हैंड डिग्री लेना चाहे उसे परेशान किया जा रहा है और डिग्री नहीं दी जा रही है, जबकि देखा जाए तो हाथों हाथ बाय हैंड डिग्री देने पर न केवल डाक खर्च बच रहा है बल्कि अन्य कागजी कार्रवाई में भी समय की बचत होगी। इस प्रकार न केवल अतिरिक्त लिखा पड़ी की बचत होगी बल्कि समय भी बचेगा और अतिरिक्त डिग्रियां बनाई जा सकेंगे लेकिन यूनिवर्सिटी कर्मचारी डाक से डिग्री भेज रहे हैं। यदि कोई आवेदक अपनी डिग्री के बारे में छानबीन भी करना चाहता है तो उसे भी परेशान कर बदतमीजी की जा रही है।
इंदौर जिले के आसपास से आने वाले आवेदकों को भारी परेशानी
जहां तक बात इंदौर जिले के आवेदकों की है उन्हें भी परेशान किया जा रहा है वही यूनिवर्सिटी का क्षेत्र इंदौर जिले के अलावा भी संभाग के कई जिलों तक फैला हुआ है। ऐसे में अन्य जिलों से आने वाले आवेदक भीषण गर्मी में परेशान हो रहे हैं। इसके बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ऐसे आवेदकों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है।