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सड़क निर्माण के लिए नहीं लगे उपयुक्त निर्देश पट्टिका और बोर्ड, ठेकेदार की लापरवाही से बड़े हादसे को कर रहे आमंत्रित aamantran Aaj Tak 24 News |
डिण्डोरी - बजाग/समनापुर मार्ग पर ठेकेदार की लापरवाही और विभागीय अधिकारियों की ठेकेदार के साथ गठजोड़ के चलते लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समनापुर बजाग निर्माण कार्य को लेकर ठेकेदार की प्रारंभ से ही मनमानियां सामने आई थी। सड़क निर्माण के प्रारंभिक स्थिति में ही जलदा के जंगल में ठेकेदार द्वारा रात में सड़क किनारे की झाड़ियों को हटाया गया जिसमें दर्जनों पेड़ों को नुक्सान हुआ है जिसे आज भी देखा जा सकता है। दर्जनों पेड़ों की जड़ कट जेसीबी मशीन के चलने से कट गई। सर्व विदित हो कि रात के वक्त जल्दा बौना-के जंगल में जंगली जानवरों का आना जाना और आवागमन होता है पर वन्य सुरक्षा अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए ठेकेदार द्वारा रात में जेसीबी मशीन के माध्यम से जंगल में कार्य किया गया। विभागीय अमला और ठेकेदार की लापरवाही के चलते रोड़ निर्माण कार्य के प्रारंभ होने के बाद भी आज दिनांक तक साइन बोर्ड नहीं लगाया गया जिससे ये जाना जा सके कि सड़क की लागत कितनी है, सड़क बनने की लंबाई कितनी है, सड़क बनने की शुरुआत दिनांक कब की है, कौन सी कंपनी सड़क बनाने का कार्य कर रही है। इन सभी चीजों की जानकारियां रोड़ बनने के पहले ही लगाई जाती है पर ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज दिनांक तक बोर्ड निर्माण कार्य नहीं किया गया। मौके पर बिना स्टीमेट के कार्य प्रारंभ - बजाग समनापुर मार्ग पर बन रही पुलिया निर्माण के कार्य प्रारंभ होने के बाद पुलिया की ढलाई जारी है पर पुलिया का स्टीमेट कार्य के दौरान ना होने के बाद भी कार्य जारी रखा गया है। इस विषय में विभागीय अमले से जानकारी जुटाई जाने पर आर टी आई के माध्यम से जानकारी बताए जाने का वाकया बतलाया गया। घटिया रेत - गिट्टी से पुलिया निर्माण का कार्य जोरों पर - विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही कहें या मनमानी कि जिन पुलों को लाखों की लागत से निर्मित किया जा रहा है जबकि मनमानी तौर पर मिट्टी युक्त रेत और गिट्टी के जरिए पुलिया का निर्माण कार्य बिना किसी रोक टोक के किया जा रहा है। बिना डायवर्ट संकेत के बना रहे पुल, बड़ी घटना के इंतजार में विभागीय अमला और ठेकेदार - ज्ञात हो कि जंगली रास्ते और मोड़ दार सड़क पर लोगों को आने जाने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जबकि वाहन चालकों के लिए ठेकेदार द्वारा डायवर्ड के लिए ख़तरे का निशान या बोर्ड या कोई सटापर वगैरह की व्यवस्था नहीं की गई है, क्षेत्र में अभी दो पुल का निर्माण किया जा रहा है जिसमें किसी तरह के यातायात नियमों का उपयोग संकेत के रूप में नहीं किया जा रहा है, जिससे कभी भी रात में बडी घटना घट सकती है जिसका जिम्मेदार कौन होगा। मनमानी पूर्वक किए जा रहे सड़क निर्माण में विभागीय अमला और ठेकेदार दोनों की मनमानी सामने आ रही है जिसमें संकेतक को लेकर मनमानी सामने आई है वहीं दूसरी ओर घटिया सामग्री से निर्माण कार्य किया जा रहा है जबकि कार्य स्थल पर स्टीमेट और डिजाइन नहीं है, कार्य विवरण का बोर्ड भी नहीं है। अब देखना होगा कि इस तरह की लापरवाही के बाद जिला प्रशासन और विभागीय अमला क्या कार्यवाही करता या फिर गठजोड़ के चलते सारे नियमों की धज्जियां उठाकर सड़क निर्माण कार्य होगा।