जय मां वैष्णों देवी सेवा समिति के 1300 तीर्थ यात्रियों ने अमृतसर पहुंचकर दर्शन-पूजन कर अरदास किया kiya Aaj Tak 24 news



जय मां वैष्णों देवी सेवा समिति के 1300 तीर्थ यात्रियों ने अमृतसर पहुंचकर दर्शन-पूजन कर अरदास किया kiya Aaj Tak 24 news 

जांजगीर चांपा -सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल अमृतसर के पंजाब स्थित हरमंदर साहिब  जिसे स्वर्ण मंदिर  के या फिर  दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता हैं। क यह शहर भारत के उत्तर पश्चिम सीमा पर बसा हुआ हैं, यहां से पाकिस्तान की सीमा भी मात्र 28किलोमीटर दूर स्थित हैं। इस स्थान का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण स्वर्ण मंदिर हैं। मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ एक दुमंजिला भव्य इमारत हैं ,कहा जाता हैं कि इसे 67वरग फीट के संगमरमर से बनाया गया हैं । जय मां वैष्णों देवी यात्रा सेवा समिति चांपा के द्वारा एक स्पेशल गाड़ी की व्यवस्था की गई थी ,यह स्पेशल ट्रेन 1300 यात्रियों को लेकर 25 नवंबर ,2023 को प्रातकाल चांपा रेल्वें स्टेशन से रवाना हुई ।मां वैष्णव देवी का दर्शन ,हरिद्वार में गंगा स्नान करते हुए तीर्थ नगरी अमृतसर पहुंची और सभी सदस्यों‌ ने स्वर्ण मंदिर पहुंचकर मत्था टेका और परिवार, समाज, प्रदेश, देश और पूरे विश्व की सुख-शांति की दुआ मांगी हैं। शशिभूषण सोनी ने बताया कि स्वर्ण मंदिर  अमृतसर ना केवल सिखों का एक केंद्रीय धार्मिक स्थान हैं, बल्कि सभी धर्मों की समानता का प्रतीक भी हैं। हर कोई , चाहे वह किसी भी जाति, पंथ या नस्ल का क्यों न हो, बिना किसी रोक-टोक के अपनी आध्यात्मिक शांति के लिए इस स्थान पर जा सकता हैं। स्वर्ण मंदिर को हरमंदर साहिब के नाम से भी जाना जाता हैं। इसकी नींव सिखों के चौथे गुरू श्री गुरु रामदास जी ने 1577 ईसवीं में रखी गई थी और 15 दिसंबर , 1588 को पाँचवें गुरू श्री गुरू अर्जन देव जी ने श्री हरमंदर साहिब का निर्माण भी शुरू कर दिया था । 16 अगस्त, 1604 को इसका निर्माण पूर्ण कर लिया गया था। स्वर्ण मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा लंगर होता हैं । एक अनुमान के मुताबिक यहां रोज एक लाख श्रद्धालु लंगर छकते हैं। श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए इस लंगर में रोज लगभग दो लाख रोटियां आधुनिक मशीनों से तैयार की जाती हैं । इसे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई माना जाता हैं , जहां एक घंटे में लगभग 25 हजार रोटियां तैयार की जाती हैंं। यह लंगर 24 घंटे श्रद्धालुओं को लंगर सेवा प्रदान करता हैं । सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां परोसे जाने वाली सभी भोजन सामग्रियां भक्तों द्वारा दिए गए दान से तैय्यार होती हैं। शशिभूषण सोनी ने बताया कि इस यात्रा में शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद वयोवृद्ध श्रीमति मेनका दुबे अपने सुपुत्र शीतल प्रासाद दुबे के साथ यात्रा कर रही हैं । देव दीवाली की पूर्व संध्या पर स्वर्ण मंदिर को बहुत सुंदर ढंग से सजाया गया था । रात के समय बिजली के प्रकाश में स्वर्ण मंदिर और भी रमणीय लग रहा था। श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों ने अकाल तख्त ,जलियांवाला बाग , दुरग्याना मंदिर ,राम-जानकी मंदिर हनुमान मंदिर  का दर्शन करने के बाद सायंकाल भारत-पाक सीमा पर स्थित अटारी बाघा बार्डर में परेड देखा। इन 1300 तीर्थयात्रियों की वापसी चांपा स्टेशन पर हो रही हैं , स्वागत-सत्कार और अभिनंदन की व्यवस्था जोरदार ढंग से की जा रही हैं । ज्ञातव्य हैं कि ऐतिहासिक स्वर्ण मंदिर में इस्तेमाल किए गए सोने की बात की जाए, तो इसमें 750 किलोग्राम से भी अधिक खरे सोने का इस्तेमाल किया गया हैं। इसकी सोने की सभी परतें देश के विभिन्न हिस्सों के कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं । अफगा़न हमलावरों ने 19 वीं शताब्दी में इसे पूरी तरह नष्ट कर दिया था, तब महाराजा रणजीत सिंह ने इसे दोबारा बनवाया था और इसे सोने की और कई परतों से सजाया था ।

Comments

Popular posts from this blog

कलेक्टर दीपक सक्सेना का नवाचार जो किताबें मेले में उपलब्ध वही चलेगी स्कूलों में me Aajtak24 News

पुलिस ने 48 घंटे में पन्ना होटल संचालक के बेटे की हत्या करने वाले आरोपियों को किया गिरफ्तार girafatar Aaj Tak 24 News

कुल देवी देवताओं के प्रताप से होती है गांव की समृद्धि smradhi Aajtak24 News