कलेक्टर ने ध्वजारोहण कर, ली परेड की सलामी ki salami Aaj Tak 24 news

 

कलेक्टर ने ध्वजारोहण कर, ली परेड की सलामी ki salami Aaj Tak 24 news 

शहडोल - स्वाधीनता दिवस शहडोल जिले में परम्पारिक हर्षांेल्लास और उत्साहपूर्वक मनाया गया। स्वाधीनता दिवस मुख्य समारोह महात्मा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया गया। जहां कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने ध्वजारोहण किया तथा परेड की सलामी ली। समारोह में कलेक्टर ने अनेकता में एकता के प्रतीक रंग-बिरंग के गुब्बारों को आकाश में मुक्त किया। स्वाधीनता दिवस समारोह में सुरक्षाबलों की टुकडियों ने हर्ष फायर कर राष्ट्रपति जी का जयघोष किया। समारोह में जिला पुलिस बल शहडोल से उप निरीक्षक  नेहा उइके, विशेष  सशस्त्र बल से उप निरीक्षक श्री बृजेन्द्र शर्मा, होम गार्ड शहडोल से प्लाटून कमांडर श्री विवेक के नेतृत्व में आर्कषक मार्च पास्ट किया। मुख्य अतिथि एवं शहडोल जिले की कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने परेड का निरीक्षण कर परेड कमाण्डरों से परिचय प्राप्त किया। स्वाधीनता दिवस समारोह में समारोह के मुख्य अतिथि कलेक्टर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया। मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करते हुए समारोह की मुख्य अतिथि एवं कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने कहा कि भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के जन-जन को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। ये गुलामी की जंजीरों के टूटने का दिन है, ये नये बीज से कोंपल फूटने का दिन है। ये देश की दिशा को मोड़ने का दिन है, ये भारत को एक सूत्र में जोड़ने का दिन है। ये शहीदों के बलिदान के यशगान का दिन है, ये 140 करोड़ भारतवासियों की मुस्कान का दिन है। वतन की आज़ादी के लिए मर मिटने वालों ने जिस गौरवशाली, वैभवशाली, शक्तिशाली और समृद्धशाली भारत के निर्माण का सपना देखा था, उसे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 9 वर्षों में अपने संकल्पों से साकार किया है। उनके नेतृत्व में आज़ादी के अमृत काल में 21वीं सदी का एक ऐसा समर्थ और समृद्ध भारत आकार ले रहा है, जिसमें हमारे सपने, हमारी आँखों के सामने ही पूरे हो रहे हैं। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, भारत से सीख रही है। वसुधैव-कुटुंबकम्" विश्व-मंत्र के रूप में उद्घोषित और उच्चारित हो रहा है। पिछले 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से अधिक लोगों का ग़रीबी से बाहर आना, आकाश में चंद्रयान और धरती पर वंदे भारत ट्रेन चलाना, कर्तव्य पथ पर भव्य नवीन संसद भवन और भारत मंडपम् को सजाना और भारत को विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाना यह सिद्ध करता है कि बड़ी सोच और बड़े संकल्प के साथ उस लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है, जिसकी एक ज़माने में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।  उन्‍होंने कहा कि  सेवा और सुशासन की प्रतिज्ञा के साथ हमने मध्यप्रदेश के कायाकल्प का अभियान प्रारंभ किया था। तब और अब का फ़र्क साफ दिखता है। तब हमारी आर्थिक विकास दर 0.10% थी, जो अब 16% से अधिक है। तब खाद्यान्न उत्पादन मात्र 159 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन है। तब किसानों को फसल ऋण पर 15% से 16% ब्याज देना पड़ता था, जो अब शून्य प्रतिशत है। तब औद्योगिक विकास दर ऋणात्मक हुआ करती थी, जो अब बढ़कर 24% है। तब प्रदेश में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग 12 हजार रुपए थी, जो अब 1 लाख 40 हजार रुपए है। तब मध्यप्रदेश के बजट का आकार लगभग 23 हजार करोड़ रुपए था, जो अब 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है। तब राज्य का सकल घरेलू उत्पाद लगभग 86 हजार 800 करोड़ रुपए था और अब यह 13 लाख 22 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक हो चुका है। तब हमारी सड़कें मात्र 60 हजार किलोमीटर लंबाई की थीं, जो अब बढ़कर 5 लाख किलोमीटर से अधिक हैं। तब हमारी ऊर्जा क्षमता करीब 5 हजार मेगावॉट थी, जो अब बढ़कर 29 हजार मेगावॉट से अधिक हो गई है। तब हमारी सिंचाई क्षमता मात्र 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर थी, जो अब बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर से अधिक है। तब मातृ- मृत्यु दर 379 प्रति लाख थी, जो अब घटकर 173 प्रति लाख रह गई है। समारोह के मुख्य अतिथि कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करते हुए कहा कि संत श्री रविदास जी महाराज ने न केवल भक्ति, अपितु सेवा का भी एक नया इतिहास रचा। ऐसा चाहूँ राज में जहाँ मिलै सबन को अन्न- छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न और मन चंगा तो कठौती में गंगा" जैसे अद्भुत संदेशों के साथ अपने सेवाभाव से संत रविदास जी सामाजिक समरसता के अग्रदूत बन गए। संत रविदास जी की पावन स्मृतियों को अक्षुण्ण रखने और उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बड़तूमा, जिला सागर में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले उनके भव्य स्मारक का भूमि-पूजन माननीय प्रधानमंत्री के कर- कमलों से 12 अगस्त, 2023 को संपन्न हुआ। हमारी सरकार संत रविदास जी के बताए हुए मार्ग पर सदा चलती रहेगी। दसवीं सामाजिक क्रांति है- सुशासन की क्रांति। हर काम सरकार अपने बलबूते पर नहीं कर सकती। सरकार और समाज का चोली-दामन का साथ है और सरकार के जन-कल्याणकारी लक्ष्यों की पूर्ति समाज की सक्रिय भागीदारी से ही हो सकती है। स्वाधीनता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय अधिकारियांें एवं कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया।  समारोह में अध्यक्ष महिला वित्त विकास निगम श्रीमती अमिता चपरा, पूर्व मंत्री एवं विधायक जयसिंहनगर श्री जयसिंह मरावी,, पुलिस अधीक्षक श्री कुमार प्रतीक, अपर कलेक्टर श्री रोमोनुस टोप्पा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हिमांषु चंद्र, नगरपालिका अध्यक्ष श्री घनष्याम जायसवाल सहित लोकतंत्र सेनानी, समाजसेवी श्री कमलप्रताप सिंह, छात्र-छात्राएं, गणमान्य नागरिक, पत्रकारगण सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं प्रबुद्व गणमान्य नागरिक उपस्थित थें। कार्यक्रम का संचालन  जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री विवेक पाण्डेय एवं वरिष्ठ व्याख्याता श्रीमती अरूणिमा सिंह के द्वारा किया गया।



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