राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ द्वारा प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा ko sopa Aaj Tak 24 news

 

राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ द्वारा प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा ko sopa Aaj Tak 24 news 

शहडोल -  विदित हो कि भारत देश में लगभग 500000 से अधिक अल्प बचत अभिकर्ता हैं जिसमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। यह सभी अभिकर्ता वित्त मंत्रालय की अल्प बचत योजनाएं डाकघर के माध्यम से संचालित हो रही हैं जिसमें धन निवेश कराकर निवेश धन राशि पर पारिश्रमिक के रूप में मिलने वाले कमीशन से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं ज्ञात हो कि इस प्रकार 500000 से अधिक अभिकर्ता पर लगभग 5000000 लोग आश्रित हैं विगत 12 वर्षों से भारत सरकार द्वारा निरंतर इस संगठन के द्वारा मांग की जा रही है लेकिन भारत सरकार के द्वारा इन अभी कर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है इसी तारतम्य में आज 9 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर के माध्यम से भारत सरकार को मांग पत्र सौंपा गया है। जिनमें प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं सर्वप्रथम वित्त मंत्रालय द्वारा 1.10.1960 को बनाए गए एजेंसी सिस्टम मी आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है पुराने सिस्टम से इन अभी कर्ताओं का शोषण किया जा रहा है. उसी पुराने एजेंसी सिस्टम के तहत कार्य किया जा रहा है जो व्यावहारिक नहीं है देश का अभिकर्ता वित्त मंत्रालय द्वारा बनाए गए नियमों के अनुरूप डाकघरों में निवेश कराता है और इनकी नियुक्ति राज्य सरकार के अधीन है संपूर्ण एजेंसी सिस्टम वित्त मंत्रालय संचार मंत्रालय और राज्य सरकार की अलग-अलग दायित्व से संचालित होती है इस व्यवस्था के कारण अल्प बचत अभिकर्ता ओं का कोई अभिभावक संरक्षक नहीं है जो कि निवेश के दौरान आने वाली समस्याओं का निराकरण कर सके। वर्तमान सरकार द्वारा अल्प बचत योजना के अंतर्गत सुकन्या समृद्धि योजना वह महिला सम्मान बचत योजना के रूप में दो नई योजनाएं लाई गई हैं परंतु इन दोनों योजनाओं में अभी कर्ताओं को संबंध ना करके भारत सरकार के द्वारा इनकी उपेक्षा की गई है इसी प्रकार अल्प बचत योजनाओं में अभी कर्ताओं की भांति डाकघर को भी वित्त मंत्रालय से कमीशन प्राप्त होता है अतः डाकघर द्वारा अभिकर्ता ऊपर दबाव बनाकर जो योजनाएं अभी कर्ताओं के माध्यम से संचालित नहीं है उन योजनाओं में भी निवेश कराने को बाध्य किया जाता है और हम आज भी उन योजनाओं में बिना पारिश्रमिक के निवेश करा रहे हैं 1 दिसंबर 2011 से तत्कालीन केंद्र सरकार ने श्यामला गोपीनाथ कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर हम अभी कर्ताओं का कमीशन 1% से घटाकर 8% कर दिया और कुछ योजनाओं में शून्य कर दिया है पिछले 12 13 वर्षों से हम सभी स्थानीय स्तर पर देश के अनेक जनप्रतिनिधि सांसद से मिलकर उनको अपनी समस्याओं से अवगत  कराया गया परंतु आज दिनांक तक इन जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ ना ही यह जनप्रतिनिधि हमारी आवाज को गंभीरता से लिया है पूरे देश में संसद द्वारा पारित अध्यादेश ही लागू होता है एजेंसी प्रणाली भी वित्त मंत्रालय के अधीन है लेकिन खेद का विषय है कि दिल्ली महाराष्ट्र केरल आदि राज्य सरकार ने पिछले 12 वर्ष में नई एजेंसी देना बंद कर दिया है स्वतंत्रता के बाद जब देश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी हम अभी कर्ताओं की नियुक्ति हुई और हम सभी ने मिलकर नेशनल स्मॉल सेविंग फंड यस यस यस यस को देश के मध्यम वर्ग से एकत्र कर 700000 करोड़ से अधिक का बनाया जिससे कि देश की आर्थिक स्थिति डर हुई परंतु अब अच्छे दिन आने के बाद भी अभी कर्ताओं की उपेक्षा न्याय संगत नहीं है ज्ञापन के माध्यम से इन अल्प बचत अभिकर्ता ओं की भारत सरकार से यह अपेक्षा है की एक नई कमेटी गठित किया जाए जिसमें वित्त मंत्रालय डाक विभाग लोकसभा और राज्यसभा के सांसद व अभिकर्ता ओं के राष्ट्रीय संगठन नेशनल स्मॉल सेविंग एजेंट एसोसिएशन इंडिया का भी प्रतिनिधित्व हो जिसमें कि हम अभिलेख साक्ष्य के आधार पर अभी कर्ताओं का पक्ष रख सकें नई कमेटी द्वारा पूरे एजेंसी प्रणाली की समीक्षा के साथ 10 वर्ष पूर्व से प्रभावी श्यामला गोपीनाथ कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा किया जाए राष्ट्रहित में राष्ट्रीय बचत हित एवं अभिकर्ता हित में इन मांगों को सहानुभूति पूर्वक विचार करने हेतु भारत सरकार को मांग पत्र सौंपा गया है।




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