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देश के विकास के लिए विज्ञान की भूमिका जरूरी, जनजाति विद्यार्थियों के लिए विज्ञान के प्रति सोच वृद्धि कार्यक्रम karyakaram Aaj Tak 24 News |
शहडोल - आजादी के अमृत महोत्सव के दूसरे फेस (AKAM-2.0)की घोषणा हो चुकी है और इसी के चलते विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा मध्य प्रदेश की आदिवासी बाहुल्य जिलों के जनजाति विद्यार्थियों के लिए विज्ञान के प्रति सोच बढ़ाने का काम करने के लिए वनजा एनवायरमेंट साइंस एक्टिविटी संस्था द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एनसीएसटीसी के उत्प्रेरण और सहयोग से शहडोल जिले में किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत एकलव्य एवं कन्या शिक्षा परिसर के विद्यार्थियों के बीच अनेक गतिविधियों का संचालन करते हुए विज्ञान के प्रति सोच बनाने के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करने और उसका साथ साथ समाधान करने का काम संस्था के स्त्रोत विद्वानों द्वारा किया जा रहा है। वनजा साथ द्वारा विशेष रूप से एक विज्ञान बस को इंदौर से तैयार करवाकर बुलवाया गया है। इस विज्ञानबस के अंदर अनेक विज्ञान के सिद्धांतों एवं पर्यावरण संबंधित मॉडल स्थापित हैं। नागपुर से वैज्ञानिक सुरेश अग्रवाल स्क्रैप हो चुकी वस्तुओं से भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र विषय के प्रयोगों का प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं इंदौर के स्त्रोत विद्वान राजेंद्र सिंह द्वारा जादू नहीं विज्ञान है का पदर्शन करते हुए उसके पीछे का विज्ञान समझाते हुए समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने का काम विद्यार्थियों में उन्नत सोच पैदा करके किया जा रहा है। अन्य साथ आए स्त्रोत विद्वान एवं सहयोगियों द्वारा पर्यावरण, गणित, फिल्म शो, नुक्कड़ नाटक, मोटे अनाज के उत्पादन और उपयोग सहित आजादी के अमृत महोत्सव फेज टू AKAM 2.0 और देश के विकास के लिए विज्ञान की भूमिका पर अपने प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान दिन भर चलने वाली गतिविधियों के बारे में शाला प्रमुख एवं अध्यापन वर्ग वनजा संस्था के इस प्रयास की मुक्त कंठ से सराहना कर रहे हैं, वहीं लाभान्वित हुए विद्यार्थी छुट्टियों के लगने से पहले संचालित हुई इन गतिविधियों से उत्साहित एवं प्रसन्न हैं।