![]() |
शिक्षण की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया karyashala ka aayojan Aaj Tak 24 news |
शहडोल - जॉइंट डायरेक्टर एस एस मरावी ने नवाचार पद्धति से विज्ञान शिक्षण प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन दिवस पर कही। मरावी ने इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रतिभागियों से फीडबैक लेने के बाद हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे ख़ुशी है कि इस कार्यशाला के प्रतिभागी छात्र अध्यापकों ने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने अपने उदबोधन में कई संस्मरण भी साझा किये। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) नई दिल्ली के सहयोग से एस्ट्रोनॉमिका साइंस एक्टीविटी एण्ड एजूकेशन सेन्टर मध्यप्रदेश द्वारा शहडोल जिले के ट्रेनी टीचर्स में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के विभिन्न वैज्ञानिक एवं स्त्रोत विद्वानों ने अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करके नवाचारी पद्धति से शिक्षण करना सिखाया। अपने आप में अनूठापन लिए इस कार्यशाला से सौ अधिक छात्र अध्यापक/अध्यापिकाएं ने इनोवेटिव टीचिंग मेथड सीखे। कार्यशाला में लखन साहू कांकेर छत्तीसगढ़, वी बी रायगाँवकर पुणे महाराष्ट्र, डॉ ओ पी गुप्ता प्रयागराज उप्र, डॉ वी के मुदगिल झाँसी उप्र, डॉ एम के राय जबलपुर मप्र आदि ने छात्र अध्यापकों को इन पांच दिनों प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागी रहे छात्र अध्यापकों में अंजलि द्विवेदी, मो गुलाम अशरफ, रौशनी प्रजापति और प्रकाश बर्मन ने मंच के सम्मुख आकर कार्यशाला का फीडबैक जेडी एस एस मरावी की उपस्थिति में देते हुए पांचों दिन की गतिविधियों और प्रशिक्षण की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमने अपने अध्ययन काल में जो कुछ भी पढ़ा उसे अच्छी तरह से अब समझ लिया है जो भविष्य में हमारे स्टूडेंट्स को एक्सप्लेन करने में बहुत काम आयेगा। अंतिम दिवस समापन अवसर पर प्रतिभागियों को कार्यशाला प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र जेडी एस एस मरावी के कर कमलों से वितरित किये गए। इस अवसर पर दौरान डाइट प्राचार्य आर के गौतम, इंजी बीबीआर गाँधी, केदार मिश्रा, अनिल श्रीवास्तव, सुदर्शन मिश्रा, डॉ प्राची भटनागर, सुमा राव, अभिलाषा मिश्रा आदि भी उपस्थित थे।
0 Comments