उज्जवल भारत एवं उज्जवल भविष्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन | Ujjawal bharat evam ujjawal bhavishy karyakram ka hua ayojan

उज्जवल भारत एवं उज्जवल भविष्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

वैकल्पिक स्त्रोतों के प्रति जागरूक बनें - आयुष मंत्री श्री कावरे

उज्जवल भारत एवं उज्जवल भविष्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए बिजली की बचत करना होगा। हम आज जितनी बिजली की बचत करेंगें और दुरूपायोग रोकेंगें वहीं भविष्य में काम आयेगी। पर्यावरण संरक्षण एवं भविष्य की जरूरत के लिए जैसे हम वन संपदा एवं जल संपदा को सुरक्षित रखने के लिए अभियान चलाते हैं, वैसे ही हमें बिजली की बचत एवं दुरूपयोग को रोकने के लिए अभियान चलाना होगा और आम जन को इसके प्रति जागरूक बनाना होगा। बिजली की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए हमे  सोलर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक स्त्रोतों का उपयोग बढ़ाना होगा। यह बातें मध्यप्रदेश शासन के आयुष एवं जल संसाधन मंत्री श्री रामकिशोर नानो कावरे ने आज 30 जुलाई को नवीन जिला पंचायत भवन बालाघाट में भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय एवं मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित ''उज्जवल भारत एवं उज्जवल भविष्य” कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही। 

उज्जवल भारत एवं उज्जवल भविष्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा, नगर पालिका के नवनिर्वाचित पार्षद गण, एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक श्री संदीप साखरे, सहायक प्रबंधक श्री पी सी पटले, एसडीएम श्री संदीप सिंह, मध्यप्रदेश पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड बालाघाट के अधीक्षण यंत्री श्री एम ए कुरैशी, संभागीय अभियंता श्री दीपक उईके वारासिवनी एवं श्री लक्ष्मण सिंह बालाघाट, कार्यपालन यंत्री श्रीमती गायत्री गेडाम, सहायक यंत्री श्री रवि कुमरे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयुष मंत्री श्री कावरे ने अपने संबोधन में कहा कि बिजली का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। आज हम टेक्नालाजी के दौर में जी रहे है। नयी टेक्नालाजी के आने के साथ ही बिजली का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। बिजली की खपत बढ़ने के साथ बिजली सप्लाय के संसाधनों की क्षमता बढ़ाना पड़ रहा है। पहले गांव में एक ट्रांसफार्मर से काम चल जाता था लेकिन अब तीन-तीन ट्रांसफार्मर लगाना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्र्् मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केन्द्र एवं राज्य सरकार वर्ष 2047 में बिजली की जरूरत के हिसाब से उत्पादन बढ़ाने पर कार्य कर रही है। अभी कोयला से बिजली तैयार की जा रही है। लेकिन कोयले के कमी को देखते हुए सोलर ऊर्जा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। किसानों को सोलर पंप पर अनुदान दिया जा रहा है। आम जन भी अपने घरों पर सोलर सिस्टम लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकते है। 

आयुष मंत्री श्री कावरे ने कहा कि मैं आयुष मंत्री के नाते स्वस्थ्य रहने के लिए आयुष पर भरोसा करता हूं और एलोपैथी का उपयोग नहीं करता हूं। आज की टेक्नालाजी की इस दुनिया में हमें स्वस्थ्य रहने के लिए अपनी आध्यात्मिक सोच एवं संस्कृति को अपनाना होगा। हम स्वस्थ्य रहेंगें तो बिजली की बचत के महत्व को अच्छी तरह से समझ सकेगें और अन्य लोगों को भी जागरूक कर सकेगें।  मंत्री श्री कावरे ने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे आम जन की बिजली संबंधी समस्या के निराकरण के जिए सदैव तत्पर होकर कार्य करें और आने वाली समस्याओं के निराकरण का आकलन कर एडवांस में प्लानिंग करके रखें। 

कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आज की यह कार्यशाला हमारे भविष्य में बिजली संबंधी जरूरतों को लेकर आयोजित की गई है। इस कार्यशाला का मकसद भविष्य की बिजली संबंधी जरूरतों पर चर्चा कर उसके समाधान के लिए कदम उठाना है। आज भी लोगों में ऊर्जा साक्षरता की कमी है। हम बिजली का दुरूपयोग रोक कर देश के विकास में योगदान दे सकते है। 

एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक श्री संदीप साखरे ने इस अवसर पर बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज का कार्यक्रंम आयोजित किया गया है। बिजली के क्षेत्र में अब तक देश में हुई प्रगति एवं आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष 2047 तक बिजली के उपयोग संबंधी परिकल्पनाओं को लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। आजादी के 75 सालों में बिजली के क्षेत्र में देश ने बहुत तरक्की की है। वर्ष 2014 में देश में बिजली का उत्पादन 02 लाख 50 हजार मेगावाट था, जो अब बढकर 04 लाख 35 हजार मेगावाट हो गया है। अब हम देश में बिजली की आपूर्ति करने के साथ ही अन्य देशों को बिजली देने की स्थिति में आ गये है।

मध्यप्रदेश पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड बालाघाट के अधीक्षण यंत्री श्री एम ए कुरैशी ने इस अवसर पर बताया कि बिजली संबंधी तमाम समस्याओं एवं शिकायत, बिजली बिल अधिक आने, ट्रांसफार्मर खराब होने, बिजली नहीं होने आदि के लिए 1912 नंबर पर काल किया जा सकता है। आरडीएसएस के अंतर्गत जिले में 07 नये विद्युत उपकेन्द्र बनाये जायेंगें। जिले में स्थित 23 उपकेन्द्रों में केपीसीटर लगाया जायेगा। 923 किलोमीटर लंबाई के खुले तारों वाली लाईन को केबिल तारों में बदला जायेगा। पेपरलेस बिजली बिल की योजना माह अगस्त 2022 से प्रारंभ की जा रही है। अब उपभोक्ताओं को कागज में बिल नहीं दिया जायेगा। अब उपभोक्ताओं के मोबाईल नंबर पर एसएमएस से बिजली बिल आयेगा। एसएमएस में दिये गये लिंक के माध्यम से उपभोक्ता बिजली बिल डाउनलोड कर सकते है। पेपरलेस बिजली बिल होने से कागज का उपयोग घटेगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। श्री कुरैशी ने बताया कि बिजली उत्पादन में अभी कोयले का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन कोयले का भंडार कम होता जा रहा है। इसके स्थान पर अब सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा., परमाणु बिजली के विकल्प तलाशे जा रहे हैं और कोयले का उपयोग 50 प्रतिशत कम करने का प्रयास किया जा रहा है। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आयुष मंत्री श्री कावरे ने बिजली उपभोक्ताओं को एनटीपीसी की ओर से उपहार एवं प्रमाण पत्रों का वितरण भी किया। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये।

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