संगठन को जीवंत बनाए रखने के लिए गतिविधियों का संचालन होना आवश्यक है | Sangathan ko jivant banaye rakhne ke liye gatividhiyo ka sanchalan hona avashyak hai
संगठन को जीवंत बनाए रखने के लिए गतिविधियों का संचालन होना आवश्यक है
अखिल निमाड़ लोक परिषद धामनोद इकाई की बैठक सम्पन्न
धरमपुरी (गौतम केवट) - किसी संगठन को जीवंत बनाए रखने के लिए गतिविधियों का संचालन होना आवश्यक है और साहित्य के सृजन के लिए पठन-पाठन और श्रवण ये तीनों ही महत्वपूर्ण है । जितना पढ़ेंगे उतना शब्दकोश बढ़ेगा और साहित्य सृजन होगा और सृजित साहित्य के पाठन या साहित्य श्रवण से भी नए-नए विचारों का जन्म होता है जो साहित्य सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, इसलिए साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन होते रहना चाहिए । उक्त बातें अखिल निमाड़ लोक परिषद के महासचिव राम शर्मा परिंदा मनावर ने अखिल निमाड़ लोक परिषद की धामनोद इकाई की बैठक में कही । इससे पूर्व इकाई संयोजक ओमप्रकाश कुशवाह ने बैठक में उपस्थित साहित्यकारों का शब्द सुमनों से स्वागत किया और निमाड़ी में गीत सुनाकर आयोजन की शुरुआत की । आयोजन में बिस्टान से पधारे साहित्यकार दिनेश जत्थाप ने भी गजल में लय पर प्रकाश डालते हुए अपनी गजलें सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । वरिष्ठ साहित्यकार नंदकिशोर विश्वकर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सम-सामयिक आयोजनों से किसी भी साहित्यिक संगठन को और मजबूती प्रदान की जा सकती है । अपनी होली की रचना सुनाकर श्री विश्वकर्मा ने माहौल में हास्य रंग घोल दिया । खलघाट के कवि विजय शर्मा ने बैठक में विचार रखते हुए कहा कि परिषद के प्रयासों से निमाड़ी रचनाओं के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन में वृद्धि हुई है जिससे सृजन में भी वृद्धि होगी । श्री विजय शर्मा ने 'राधा-कृष्ण की होली' गीत सुनाकर श्रोताओं को भावपूर्ण कर दिया । अंत में महेश सूर्यवंशी ने भी रचना पाठ कर बैठक का समापन किया । बैठक में आगामी होली मिलन समारोह पर निमाड़ी कवि सम्मेलन के आयोजन पर रूपरेखा बना कर तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही गई । आभार इकाई संयोजक कुशवाह ने व्यक्त किया ।
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