सफलता की कहानी: वेस्ट टू आर्ट से बनाई सुंदर एवं आकर्षक कलाकृतियां
डॉ नेहा गुप्ता ने अनुपयोगी सामग्रीयों का पुनः उपयोग करने का दिया संदेश
उज्जैन (रोशन पंकज) - प्रायः ऐसी सामग्रियां जिनका उपयोग एक बार करने के पश्चात दूसरी बार उपयोग में नहीं लाया जाता है या तो उन्हें कचरे में फेंक दिया जाता है या फिर भंगार में दे दिया जाता है इनका पुनः उपयोग बहुत ही कम लोगों द्वारा किया जाता है। उज्जैन में स्वच्छता के ऐसे प्रहरी जिन्होंने ना सिर्फ अनुपयोगी सामग्री को उपयोग के रूप में बदला बल्कि नवाचार करते हुए समाज में नया संदेश दिया है। डॉ नेहा गुप्ता पेशे से एक प्रोफेशनल दंत चिकित्सक हैं जिन्होंने ना सिर्फ अपने पेशे पर ध्यान दिया बल्कि पेड़, पौधे, पत्तियां, फलों के छिलके अनुपयोगी लकड़ियां एवं कारपेंटरो द्वारा जो लकड़ियां उपयोग में नहीं आती उन्हें फेंक दिया जाता है उन सब का उपयोग करते हुए सुंदर कलाकृतियां बनाई जो ना सिर्फ दिखने में आकर्षक है साथ ही घरों में सजावट के रूप में उपयोग लाई जा सकती है इस कार्य को डॉ.नेहा विगत 5 वर्षों से भी अधिक समय से कर रही है। उनका मुख्य संदेश यह है कि पर्यावरण एवं प्रकृति से लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना एवं बच्चों के मन में पर्यावरण के प्रति प्रेम उजागर करना। वे समाज में यही संदेश देना चाहती हैं की घरों से निकलने वाली ऐसी अनुपयोगी सामग्रियां जिन्हें हम फेंक देते हैं उन में नवाचार करते हुए सुंदर कलाकृतियां बना सकते हैं डॉ.नेहा द्वारा घर में 1500 से ज्यादा पौधों का रखरखाव भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है।