जिला पर्यावरण योजना तैयार करने के लिये गठित जिला पर्यावरण समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रखी गई
हरदा - जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न राष्ट्रीय हरित अधिकरण अर्थात एन.जी.टी. के आदेश के पालन में जिला पर्यावरण योजना तैयार करने के लिये गठित जिला पर्यावरण समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री संजय गुप्ता की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ डॉ. राम कुमार शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्री डी.के. सिंह व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रिय कार्यालय मंडीदीप के प्रतिनिधि डॉ. प्रवीण कोठारी सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में निर्देश दिये कि आगामी 10 सितम्बर तक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाईड लाईन का पालन करते हुए जिले की पर्यावरण कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करें। बैठक में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के संबंध में भी कार्य योजना तैयार करने के लिये चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि जिला पर्यावरण समिति की बैठक हर माह नियमित रूप से आयोजित की जाएगी। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में निर्देश दिये कि इस बैठक में भविष्य में जिला शिक्षा अधिकारी तथा विद्यालय के ईको क्लब से संबंधित प्रभारी शिक्षकों को भी शामिल किया जाए। कलेक्टर श्री गुप्ता ने पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता बताई। उन्होने जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण कम से कम करने के लिये कहा। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत सचिव, सरपंच, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता मिलकर ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें और उन्हें प्रदूषण से होने वाले नुकसानों के बारे में बताएं। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में निर्देश दिये कि दस-दस पंचायतों के क्लस्टर बनाकर गांव के सरपंच, सचिवों व रोजगार सहायकों को प्रदूषण कम से कम करने व पर्यावरण संरक्षण के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होने कहा कि इस कार्य में महिला स्वसहायता समूहों में शामिल जागरूक महिलाओं को शामिल किया जा सकता है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में निर्देश दिये कि नगरीय क्षेत्र में भी नगरीय निकायों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के महत्व व प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होने कहा कि खेती में बढ़ते रासायनिक उर्वरक व कीट नाशकों के उपयोग के कारण खेतों के आसपास के पेयजल स्त्रोत भी प्रदूषित हो रहे है। उन्होने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये भी निर्देश दिये।