कोविड-19 के कारण तिहाड़ जेल से मिली थी इमरजेंसी परोल, अब तक नहीं लौटे 200 कैदी
तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए कुल 1164 कैदियों को परोल पर रिहा कर दिया था ताकि जेल में भीड़ कम हो और वहां कोरोना संक्रमण न फैले. परोल की अवधि खत्म होने पर कैदियों को जेल वापस आने का निर्देश भी दिया गया था लेकिन अब तक 200 कैदी वापस नहीं आ सके हैं.
नई दिल्ली - कोरोना वायरस महामारी फैलने पर देशभर में पिछले साल लॉकडाउन लगाया गया था. उस दौरान तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन ने कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए कुल 1164 कैदियों को परोल पर रिहा कर दिया था ताकि जेल में भीड़ कम हो और वहां कोरोना संक्रमण न फैले. परोल की अवधि खत्म होने पर कैदियों को जेल वापस आने का निर्देश भी दिया गया था लेकिन अब तक 200 कैदी वापस नहीं आ सके हैं.
इसी दौरान उम्र कैद की सजा पा चुके शमशाद को भी इमरजेंसी परोल मिली थी लेकिन जेल से बाहर आते ही उसने ATM तोड़ने की वारदातों में शामिल पाया गया था. परोल खत्म होने के बाद वह भी अंडरग्राउंड हो गया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. वह साल 2010 में धौलाकुआं सामूहिक दुष्कर्म केस में आजीवन जेल की सजा काट रहा है.
तिहाड़ जेल प्रशासन जल्द ही इस मामले में प्रशासन को पत्र लिखेगा ताकि फरार कैदियों की धर पकड़ की जा सके. लॉकडाउन के दौरान जेल प्रशासन ने कुछ कैदियों को 45 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी जबकि कुछ कैदियों को 8 हफ्तों के लिए आपातकालीन पैरोल दी गयी थी.