भागवत कथा में मनाया कृष्ण जन्म उत्सव, झूम उठा कथा पांडाल | Bhagwat katha main manaya krishn janm utsav

भागवत कथा में मनाया कृष्ण जन्म उत्सव, झूम उठा कथा पांडाल

जिस घड़ी में ईश्वर को याद किया जाए वह घड़ी शुभ हो जाती है-पंडित शास्त्री

भागवत कथा में मनाया कृष्ण जन्म उत्सव, झूम उठा कथा पांडाल

आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - भगवान की कथा जिव को शिव बनाती है,हमेशा संगत अच्छी होनी चाहिए, राहु नाम के राक्षस ने देवताओ की संगत की तो आज भी उन्हें देवता बन कर पुजा जा रहा है। जब जब धर्म की हानी होती है तब तब भगवान अवतार लेते है। भक्तों के प्रेम के कारण निर्गुण भी सगुण बन जाते हैं जो सभी को प्रसन्ना करता है, उसके यहां सर्वेश्वर आते हैं। भक्तों के प्रेम के कारण निर्गुण भी सगुण बन जाते हैं। जनकपुरी में हो रहे स्वयंवर में प्रभु श्रीराम ने धनुश पर चाप सीता से विवाह करने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि राजा जनक के संताप को हराने के लिए चढ़ाया था। राम को याद करने की कोई शुभ घड़ी नहीं होती, जिस घड़ी में ईश्वर को याद किया जाए वह घड़ी शुभ हो जाती है। प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण की जन्म की कथा सुनने से अंतकरण में शुद्धता और दिव्य देवीय शक्तियों का जागरण होता है। यह बात नगर के केशव नगर कालोनी मे काबरा व नवाल परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकष्ण जन्म उत्सव के दौरान कथा का वाचन करते हुए पंडित लोकेशानंद शास्त्री ने कहीं। इस अवसर पर माखन मटकी भी फोड़ी गई। चौथे दिन की कथा समापन के बाद भागवत जी की आरती उतारकर प्रसादी का वितरण किया गया।

भागवत कथा में मनाया कृष्ण जन्म उत्सव, झूम उठा कथा पांडाल

*भजनो पर झुम उठे श्रद्धालु*

कथा स्थल पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेश पटेल एवं नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल द्वारा स्वामीजी को आदिवासी संस्कृति के प्रतीक चिन्ह तीर कमान भेंट की गई। इस दौरान पटेल दम्पति द्वारा स्वामीजी को झुलडी पहनाकर एवं साफा पहनाकर स्वागत किया गया। कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग के दौरान कथा व्यास से पंडित शास्त्री द्वारा शानदार भजन सुनाए गए। जिस पर उपस्थित श्रद्धालु झुम उठे। इसके पूर्व नन्हें स्वरूप भगवान कृष्ण को ढोल डमाकों के साथ कथा परिसर तक लाया गया। इस दौरान भगवान कृष्ण के जयकारे भी लगाए गए। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव के चलते  परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया था। वहीं ग्वाल बनकर आए युवकों द्वारा माखन मटकी भी फोड़ी गई। कथा का लाभ लेने के लिए आलीराजपुर जिले के अलावा बाग, कुक्षी, टांडा व अन्य स्थानों से भी श्रोता आए थे। कथा परिसर में महिलाओं व पुरूष के लिए बैठने की अलग अलग व्यवस्था की गई है।

भागवत कथा में मनाया कृष्ण जन्म उत्सव, झूम उठा कथा पांडाल


Comments

Popular posts from this blog

कलेक्टर दीपक सक्सेना का नवाचार जो किताबें मेले में उपलब्ध वही चलेगी स्कूलों में me Aajtak24 News

पुलिस ने 48 घंटे में पन्ना होटल संचालक के बेटे की हत्या करने वाले आरोपियों को किया गिरफ्तार girafatar Aaj Tak 24 News

कुल देवी देवताओं के प्रताप से होती है गांव की समृद्धि smradhi Aajtak24 News