अनलॉक के बाद भी नही संभला जिले का पावरलूम व्यवसाय, हजारों मज़दूर हुवे बेरोजगार.? | Unlock ke baad bhi nhi sambhla jile ka powerloom

अनलॉक के बाद भी नही संभला जिले का पावरलूम व्यवसाय, हजारों मज़दूर हुवे बेरोजगार.?

अनलॉक के बाद भी नही संभला जिले का पावरलूम व्यवसाय, हजारों मज़दूर हुवे बेरोजगार.?

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - कोरोना महामारी संक्रमण के चलते देश भर में लॉक डॉउन के चलते व्यापार व्यवसाय बुरी तरहां प्रभावित हुआ। जिससे शहर के कई पावरलूम मज़दूर बेरोज़गारी के शिकार हो गए है। लॉकडाउन के बाद अनलॉक हुए पाँच माह से अधिक का समय हुआ परंतु कपडा व्यवसाय में मंदी के चलते यहां का मजदूर वर्तमान में भी बेरोजगार है। शहर की रीढ की हडडी कहलाने वाला यह उद्योग आज भी बदहाली के दौर से गुज़र रहा है। मास्टर विवर्स के द्वारा लूम मालिकों को कच्चा माल भीम कोन नही दिए जाने से हजारों पावरलूम कारखाने बंद है, शहर में चालीस हजार से अधिक पावरलूम कारखानो का संचालन होता है, जिस पर अकुशल श्रमिक के रूप में एक लाख से अधिक श्रमिक अपनी रोजी रोटी कमाते है वहीं इस से जुडी साईजिंग प्रोसेस से जुडी ईकाइयां भी प्रभावित है। यहां भी सैकडो श्रमिक बेरोजगार होकर रोजी रोटी की तलाश में है। शहर में पावरलूम कारखानों के चालू नही होने से शहर की आर्थिक स्थिति डांवा डोल है। शासन-प्रशासन और जन-प्रतिनिधियों का भी इस ओर कोई ध्यान नही है। देश दुनिया के लिए कोविड-19 के घटते प्रभाव के बीच धीरे-धीरे सब कुछ समान्य स्थिति की ओर बढ रहा है। परंतु कपडा व्यवसाय में तेजी नही होने से यहां स्थिति जस की तस बनी हुई है। केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार पावरलूम बुनकरों और उससे जुडी ईकाइयों के श्रमिकों के लिए कोई ऐसी योजना नही है। जिससे उन्हें अन्य रोजगार और सहायता प्राप्त हो देश का किसान अन्नदाता कहलाता है, उसे अनेकों सुविधाए सरकारें उपलब्ध कराती है। परंतु वहीं देश का बुनकर, किसानों और आम नागरिकों के तन पर कपडा पहनाता है, पर उसके लिए सरकारों के पास कोई योजना नही जो बडी विडम्बना है। शहर के सिद्दीक भाई ने बताया पॉवरलूम का काम ढप सा हो गया है। जल्दी इस ओर ध्यान नही दिया गया तो मजदूर वर्ग परेशान है और ज्यादा परेशान होकर अन्य काम की तलाश में पलायन करने को मजबूर हो जाएंगा।

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