हमारा संविधान सभी को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वत्रंत्रता देता है
अंजड (शकील मंसूरी) - हमारे देश का संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अनुच्छेद 19 में भाषण एवम अभिव्यक्ति की स्वन्त्रता ,शांतिपूर्ण और निरायुद्ध सम्मेलन की स्वंत्रत्रता देता है ,संगम या संघ बनाने की स्वत्रंतता ,भारत मे सर्वत्र अबाध विचरण एवम किसी भाग में निवास करने या बस जाने की स्वत्रंतता और कोई वृति ,उपजीविका,वयापार,या कारोबार करने की स्वत्रंतता देता है ,सविंधान विधि के शासन का आधार है यह समस्त विधियों का स्रोत है । आज ही के दिन हमारे सविंधान को अंगीकृत किया गया था , उक्त बातें आज सविंधान की पालना की शपथ दिलाते हुऐ सविंधान दिवस के उपलक्ष्य पर न्यायालय अंजड़ में आयोजित एक सादे समारोह को संबोधित करते हुए तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष और न्यायिक मजिस्ट्रेट अमूल मंडलोई ने कही l उन्होंने आगे नागरिकों के सभी लोगो मे समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करने का कहा जो धर्मं,भाषा ,और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो ।उन्होंने ,उपस्थित अधिवक्ताओंऔर न्यायालयीन कर्मचारियों को शपथ दिलवाई गयी l शिविर की सम्पूर्ण जानकारी अधिवक्ता संजय गुप्ता ने दी l समोराह में उपस्तिथ न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री आभा गवली ने अपने उद्बोधन में मूल कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखने और हिन्सा से दूर रहने की संविधान की व्याख्या की । इसी समोराह में उपस्तिथ अभियोजन अधिकारी अकरम मंसूरी ने संविधान के प्रति अपमानजनक कृत्यों को रोकने और दोषी व्यक्ति को दंडित करने के लिए राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 है जिसमे भारत के संविधान को जलाने ,फाड़ने ,उसका रूप बिगाड़ने, कुरूप या दूषित करने ,नष्ट करने,रोधने, अथवा कहे गए या लिखे गए शब्दो या किसी कृत्य द्वारा तिरस्कार करने पर सजा की जानकारी दी और सामान्य आदमी से कहा कि वो हमारे देश के संविधान का सम्मान करें l शिविर में अंजड़ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेंद्र श्रीवास और संघ के सभी सदस्यों के अतिरिक्त न्यायालय कर्मचारी , उपस्थित पक्षकार उपस्तिथ थे ।