विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शिविर का हुआ आयोजन
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र एस. पाटीदार के मार्गदर्शन में अपर जिला न्यायाधीश व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर नरेन्द्र पटेल द्वारा सईदा हॉस्पिटल बुरहानपुर में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में नरेन्द्र पटेल द्वारा सईदा हास्पिटल में अरविंद मालवीय जिला ट्रेनर, दिनेश चौधरी संस्था की तरफ से प्रशिक्षक, श्रीमति पूनम राज्य स्तरीय टेनर, राजेश धुर्वेकर जिला टेनर, आंगनवाडी कार्यकर्ता व अन्य स्टॉप उपस्थित रहे।
सईदा हास्पिटल बुरहानपुर में आशा कार्यकताओ के चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित होकर नरेन्द्र पटेल ने मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्तियों के बारे में बताया कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उनके ईलाज हेतु उचित मार्गदर्शन एवं सहयोग करें। मानसिक रोग उपचार योग्य है। मानसिक रोगियों के साथ भी अन्य लोगों को जैसे सामान्य व्यवहार की आवश्यकता होती है। यह भी बताया कि मानसिक अशक्ताग्रस्त व्यक्ति, मानसिक बीमार व्यक्ति नहीं है। मानसिक रूप से बीमार और मानसिक अशक्ता से ग्रस्त व्यक्ति सभी मानवीय और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार है हमें उनके विकास के प्रोत्साहित करना चाहिए। मानसिक बीमार व्यक्तियों की जानकारी के अभाव के कारण या अंधविश्वास अथवा साधनों के अभाव के कारण भी वह उपचार प्राप्त करने से वंचित रह जाते है।
पीड़ित व्यक्तियों को अपने स्तर पर समझाईश, सुझाव देकर उनका ईलाज किया जा सकता है, साथ ही बताया कि मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्तियों का ईलाज आयुर्वेदिक पंचक्रर्म एवं फिजियोथ्रेरेपी के माध्यम से भी कराया जा सकता है। ईलाज के साथ ही योगाभ्यास का भी महत्व बताया। आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि आपको आपके क्षेत्र में मानसिक अशक्त व्यक्ति या मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की जानकारी होती है तो आप उनके परिवार को योग्य चिकित्सा एवं विद्यालयों की जानकारी प्रदान करें, जिससे उचित चिकित्सा एवं उनको योग्य सहायता प्राप्त हो सके।
श्री पटेल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में संचालित पीड़ित प्रतिकर योजना के बारे में बताया कि पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत समिति गठित की गई है। समिति के सदस्यों द्वारा पीड़ितों प्रतिकर योजना में पीड़िता को चिन्हित कर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। पीड़ित व्यक्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से लाभ ले सकता है। साथ ही निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह के बारे में जानकारी दी कि ऐसे व्यक्ति जिनकी आय दो लाख से कम हो या महिला अथवा बालक अथवा निशक्त एवं अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्य हो जो न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करने या उनके लंबित मामलों में पक्ष समर्थन हेतु निःशुल्क अधिवक्ता या अन्य कोई कानूनी सहायता की आवश्यकता हो उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से निःशुल्क सहायता प्रदान की जाती है।