निर्दलीयों का सत्ता में दखल बढ़ा पर वोटर का भरोसा हुआ कम राजनीति में बदलता ट्रेंड
भोपाल (संतोष जैन) - आजादी के बाद से अब तक की मध्य प्रदेश की राजनीति में निर्दलीय विधायकों का बड़ा प्रभाव रहा है मतदाताओं ने पहले तो इन पर खूब भरोसा किया लेकिन बदलते सियासी ट्रेड में इनकी तादाद कम हुई है हा यह जरूर है कि दल बदलती राजनीति में निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले नेताओं की पूछ परख बड़ी है काग्रेस सरकार में तो निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल मंत्री भी रहे अन्य तीन निर्दलीय विधायक चर्चा में रहते हैं
1962 में सबसे ज्यादा 39 निर्दलीय
यदि कुल आंकड़ा देखें तो राज्य के मतदाताओं ने औसतन 12 निर्दलीय उम्मीदवारों को विधानसभा तक पहुंचाया वर्ष 1962 में सबसे ज्यादा 39 निर्दलीय विधायक चुनाव जीते थे सबसे कम दो निर्दलीय 2003 में जीते इस दौरान भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला और कांग्रेस का 10 साल का शासन खत्म हुआ तीन बार भाजपा सत्ता में रही लेकिन तीन से ज्यादा निर्दलीय चुनाव नहीं जीत पाए
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