नाराज़ किसानो ने जमिन के बदले मुआवजे के लिए एक बार फिर सरकारी दफ्तर मे दि दस्तक
फिर से लगे मुर्दाबाद के नारे, समाधान न होने पर धरना आंदोलन करने की गई बात
छिंदवाड़ा (गौरव कोल्हे) - पांढुरना ब्लॉक मे आने वाले ग्राम डोलढाना कुकडीखापा मे देढ साल से अधिक महिनो से चल रहे जलाशय की जमिनो के बदले मुआवजे की बात अधिक विवादित होते जा रही है। जिस जलाशय का कार्य अधिकतम हो चुका है, परन्तु जिन किसानो की जमिन/खेत जलाशय के लिये आवंटित की गई थी उन्हे आज तक किसी प्रकार का मुआवजा नही दिया गया है। किसानो ने अनेकों बार ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात सरकार के समक्ष रखी परंतु उसका भी कोई असर प्रशासन पर नहीं दिखा। जलाशय मे जाने वाली जमिने डोलढाना, कुकडीखापा, मालेगांव, सिवनी तथा दाढीमेटा के 50 - 60 कृषको की है। जो सरकारी कार्यालय के देढ सालों से चक्कर काट रहे है। वही किसानो का कहना है की हमे 15 दिनों के भितर मुआवजे की राशि दिलवा देंगे ऐसा कहकर हमारी जमने ली गई थी। परन्तु अब तक ना मुआवजा मिला ना ही किसी प्रकार का कोई सरकारी प्रमाण, निरतंर आश्वाशन देकर वापस भेज दिया जा रहा है।
*इनका कहना है ।*
दुर्गेश उईके तथा राजु डिगरसे ने पांढुरना सिंचाई विभाग (जल संसाधन) अधिकारी एस. आर. धुर्वे (अनुविभागिय अधिकारी) को अंतीम बार ज्ञापन देते हुए कहां तीन दिनो के भितर अगर मुआवजे की राशि नही दि जाती है तो, मंगलवार दिनांक 13/10/2020 को SDM कार्यालय के समिप धरना आंदोलन पर बैठ जाने की बात कही है | जिसमे जो भी जनहानि होती है तो जिम्मेदारी पुर्णतः शासन की होगी।
*ज्ञापन देने मौजुद रहे किसान*
दुर्गेश उईक, राजु डिगरसे, निरज सलामे, तुकळ्या डिगरसे, देवराव देशमुख, यशवंत किनकर, जितेन्द्र डिगरसे, अमर धुर्वे, विजय सलामे एवं अन्य किसान मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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