सम्पूर्ण जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - मध्य प्रदेश गृह विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश धार्मिक कार्यक्रम एवं त्यौहार के संबंध में प्राप्त हुए हैं। उक्त निर्देशों के परिपालन में कोविड-19 वायरस संक्रमण के बचाव हेतु संक्रमण की रोकथाम हेतु व्यापक लोकहित, जीवन की सुरक्षा एवं लोक स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रवीण सिंह ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण बुरहानपुर जिलें में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जारी निर्देशों में उन्होंने कहा है कि जिले में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की जाने वाली प्रतिमा की ऊंचाई पर पूर्व आदेश में उल्लेखित प्रतिबंध को समाप्त किया जाता है। प्रतिमा के लिये पाण्डाल का आकार अधिकतम 30×45 फीट नियत किया जाता हैं। झॉंकी निर्माताओं को पालन करना होगा कि संकुचित जगह के कारण श्रृद्धालुओं/दर्शकों की भीड़ की स्थिति तथा सोशल डिस्टेंसिंग के पालन में झांकी स्थल पर श्रृद्धालुओं/दर्शकों की भीड एकत्र नहीं हो तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसकी व्यवस्था आयोजकों को ही करनी होगी।
मूर्ति विसर्जन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। मूर्ति को विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों का समूह रहेगा तथा आयोजन समिति को अनिवार्यतः संबंधित अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति लेना होगी।
मूर्ति विसर्जन प्रातः 6 बजे से सायं 6 बजे तक की ताप्ती नदी के राजघाट व पीपलघाट के समीप नगर पालिक निगम बुरहानपुर द्वारा बनाये गये विशेष विसर्जन स्थल पर किया जा सकेगा। जिसमें 10 से अधिक व्यक्ति विसर्जन में शामिल नही हो सकेंगे। मूर्ति का विसर्जन चल समारोह में रूप में नही होगा। विसर्जन के दौरान कोई भी जुलूस, रैली, ध्वनि विस्तारक यंत्र, ढोल नगाडे इत्यादि का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 संक्रमण के बचाव के तारतम्य में सभी प्रकार के आयोजनों में श्रध्दालू फेस कवर, सोशल डिस्टेसिंग एवं सेनेटाईजर का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम के दौरान रात्रि में 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउडस्पीकर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। रावण दहन के पूर्व परंपरागत श्रीराम के चल समारोह प्रतिकात्मक रूप में अनुमत्य होगा। रामलीला तथा रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा प्रशासन की पूर्वानुमति प्राप्त कर आयोजित करेंगे।
कोई भी व्यक्ति इस आदेश का उल्लघंन करता हैं तो उस पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्यवाही के अलावा आईपीसी की धारा 188 और अन्य कानूनी प्रावधान लागू होते हैं, जिसके तहत कार्यवाही की जाएगी।