संस्कारों का भंडार है बेटी संत कमलमुनि
जावरा (युसूफ अली बोहरा) - जावरा परिवार का श्रृंगार संस्कृति का आधार और संस्कारों का भंडार है बेटी को अनदेखा करके उज्जवल भविष्य की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने बेटी दिवस पर संबोधित करते कहा कि शारीरिक रचना के आधार पर लड़के से लड़की को शक्ति बुद्धि और प्रतिभा में कम आंकना अज्ञानता है
उन्होंने कहा कि समाज या सरकार की उत्थान की सारी योजनाएं जब तक सफल नहीं हो सकती जब तक बेटी के विकास के कार्यक्रमों को प्राथमिकता न दी जाए
मुनि कमलेश ने कहा कि 21वीं सदी में आज भी बेटी को दूसरे नंबर का दर्जा दिया जा रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि आज बेटी कहीं भी सुरक्षित नजर नहीं आ रही है घर और बाहर मानसिक और शारीरिक शोषण का शिकार शिकार बन रही
जैन संत ने कहा कि बेटी जानकर को मां की कोख में ही कत्ल कर दिया जाता है यह मानवता पर कलंक है बेटी नहीं है तो बहू कहां से लाओगे
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच ने दिल्ली की ओर से श्वेता जैन ममता जैन शोभा जैन नीतू संचेती पूजा जैन का बेटी दिवस पर अभिनंदन किया गया अरिहंत मुनि कौशल मुनि ने विचार व्यक्त किए घनश्याम मुनि ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि ने बेटी पर गीतिका प्रस्तुत की। उक्त जानकारी अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अभय सुराणा ने दी।
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