मंत्री श्री कावरे ने ली एसडीएम एवं जनपद पंचायतों के सीईओ की बैठक | Mantri shri kavre ne li sdm evam janpad panchayto ke ceo ki bethak

मंत्री श्री कावरे ने ली एसडीएम एवं जनपद पंचायतों के सीईओ की बैठक

ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान

मंत्री श्री कावरे ने ली एसडीएम एवं जनपद पंचायतों के सीईओ की बैठक

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं जल संसाधन विभाग श्री रामकिशोर “नानो’’ कावरे, ने आज 24 सितम्बर को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में सभी एसडीएम, जनपद पंचायतों के सीईओ एवं विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में जिला पंचायत प्रधान श्रीमती रेखा बिसेन, उप प्रधान श्रीमती अनुपमा नेताम, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती उमा महेश्वरी, अपर कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए, सहायक कलेक्टर श्री दलीप कुमार, सभी एसडीएम, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री श्री जी पी कोरी, श्री एल एस इनवाती व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री श्री कावरे ने ली एसडीएम एवं जनपद पंचायतों के सीईओ की बैठक

मंत्री श्री कावरे ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि आगामी तीन अक्टूबर से लेकर दिसंबर 2020 तक के लिए ग्रामों के विकास का रोडमैप तैयार करें और उसे इस समयावधि में अमल में लायें। जिले के ग्रामों को एक आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करें। जिसमें पंचायत भवन, स्कूल भवन, आंगनवाड़ी भवन, अस्पताल एवं अन्य सरकारी भवन आकर्षक एवं साफ-सुथरें हों। इनमें हमारे ही बच्चे पढ़ने जाते है और हमारे गांव के लोग की आते है। अत: इन भवनों में शौचालय, पीने के पानी और सफाई की अच्छी व्यवस्था होना चाहिए। सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक के बैठने का कक्ष अच्छा हो। सरकार के पास ग्रामों के विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है, जरूरत है उसके सही उपयोग की। जनपद पंचायतों के सीईओ ग्राम पंचायतों के सरपंचों के अधिकार क्षेत्र में आने वाली राशि का दुरूपयोग न होने दें।
मंत्री श्री कावरे ने जनपद पंचायतों के सीईओ से कहा कि पंचायतों के सचिवों एवं ग्राम रोजगार सहायकों पर नियंत्रण रखें और देखें कि आम जनता को उनके कारण परेशानी न हो। ग्राम रोजगार सहायक की रूचि केवल मनरेगा के मस्टर भरने में ही नहीं होना चाहिए। मस्टर का साप्ताहिक मूल्यांकन होना चाहिए। इसी प्रकार मनरेगा के कार्यों का तय समय पर मूल्यांकन नहीं करने वाले उपयंत्रियों पर कड़ी कार्यवाही की जाये । मनरेगा के बालाघाट जिले में अच्छे अच्छे कार्य कराये जा सकते है। मनरेगा के अधिक से अधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाया जाये। 14 वें एवं 15 वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग शासन के निर्देशों एवं गाईड लाईन के अनुसार ही किया जाये। 
मंत्री श्री कावरे ने कहा कि गांवों के भ्रमण के दौरान देखने में आता है कि नालियों में गंदगी रहती है, हेंडपंप के पास पानी जमा रहता है। रात में स्ट्रीट लाईट नहीं जलती है। जबकि इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। जनपद के सीईओ नियमित रूप से ग्रामों का भ्रमण करें और इन सबके लिए सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक की जिम्मेदारी तय करें और जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें। 
  मंत्री श्री कावरे ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से कहा कि गांवों में बिजली के गुल होने की शिकायतें मिलती रहती है। ग्रामीणों से शिकायत मिलती है कि बिजली नहीं रहने पर लाईनमेन सुधारने नहीं आते है। लिंगा एवं चंदना फीडर से बिजली की आपूर्ति खराब है। बैहर एवं परसवाड़ा क्षेत्र के ग्रामों से बिजली नहीं रहने की अधिक शिकायतें आ रही है। अधिकारी इन पर विशेष ध्यान दें। जहां पर भी ट्रांसफार्मर खराब हो तो उसे तत्काल बदलने की व्यवस्था हो। संभागीय कार्यालय में 10 से 15 ट्रांसफार्मर हमेशा स्टाक में रहना चाहिए। ग्रामीणों से बिजली बिल अधिक आने की शिकायत भी आ रही है। अधिकारी इस पर ध्यान दें और गांवों में शिविर लगाकर बिजली बिल की समस्या का निदान करें।
मंत्री श्री कावरे ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में मनरेगा से बांस रोपण की योजना बनायी जाये। इसी प्रकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए चबूतरा बनाया जाये। उन्होंने एसडीएम से कहा कि नामांतरण नहीं होने के कारण बहुत से किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। अत: किसानों के नामांतरण के प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण कराया जाये। 
जिला पंचायत प्रधान श्रीमती रेखा बिसेन ने बैठक में कहा कि ग्राम पंचायत में सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के आने का कोई समय तय नहीं है। जिसके कारण आम लोगों को परेशानी होती है। अत: सचिव एवं रोजगार सहायक के पंचायत में आने एवं रहने का अन्य शासकीय अमले की तरह समय तय होना चाहिए। ग्राम पंचायतों में स्वच्छताग्रही रखे गये है, लेकिन उनके कामों की समीक्षा नहीं की जा रही है। स्कूलों में बनाये गये शौचालयों के लिए पानी की टंकी की व्यवस्था की जाये। नल-जल योजना के नलों में पानी को व्यर्थ से बहने से रोकने के लिए टोटियां लगाई जायें। पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन नहीं होता है और ग्राम सभा में लोगों को बुलाया नहीं जाता है। इन समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। 
कलेक्टर श्री आर्य ने जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया कि बैठक में जिन समस्याओं एवं विषयों को रखा गया है उन पर ध्यान दें और सचिवों एवं रोजगार सहायकों पर प्रभावी नियंत्रण रखें। ग्राम के स्कूल, आंगनवाड़ी भवन, अस्पताल, पंचायत भवन तक एप्रोच रोड बनवायें। सभी एसडीएम भी देखें कि नगरीय क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवन में सुधार की जरूरत हो तो नगरीय निकाय से सुधार करवायें।

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