मेडिकल में दवा का संकट परिजन बाहर से खरीद कर ला रहे इंजेक्शन
जबलपुर (संतोष जैन) - शहर में कोरोना संक्रमण के फैलाव के साथ ही कोविड-19 से होने वाली मौत की दर बढ़ी है गंभीर मरीजों को बेहतर उपचार देकर मृत्यु दर कम करने की प्रयास के दावे किए जा रहे हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में शहर संभाग सहित आसपास के दूसरे संभाग के गंभीर कोरोना मरीजों को उपचार के लिए भर्ती किया जा रहा है लेकिन अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में गंभीर कोरोना के लिए नई दवा और इंजेक्शन नहीं है और ना मरीजों के लिए कारगर मानी जा रही आधुनिक दवा की आपूर्ति अभी तक सरकार ने नहीं की है रेमडेेसीविर जैसी कोरोना से बचाव के लिए प्रभावी दवा बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं है ऐसे में जो गंभीर मरीज अपने स्तर पर नई दवा ख़रीद कर नहीं ला रहे उनको दिक्कत हो रही है
बाहर से लाने की छूट दी
कोरोना से मरीज बढ़ने के साथ मेडिकल कॉलेज में संक्रमितओं को भर्ती करने के लिए लगातार बिस्तर बढ़ाने की कवायद हो रही है बाजार में भी आसानी से उपलब्ध नहीं दवा प्रभावी दवा खरीदने का प्रस्ताव पूर्व चिकित्सा आयुक्त सहित संभाग के पूर्व कोरोना नोडल अधिकारी के साथ हुई बैठक में दिया गया था
निजी अस्पताल वसूल रहे मनमाना दाम
सरकारी अस्पतालों में रेमडेेसीविर जैसी नई दवाओं की खेप नहीं पहुंचने का फायदा कोरोना मरीजों का उपचार करने वाले निजी अस्पताल उठा रहे है
करीब 15 मरीजों को लगा इंजेक्शन
मेडिकल कॉलेज में गंभीर कोरोना संक्रमित ओं का उपचार हो रहा है गंभीर मरीजों को कोरोना से उबारने में रेमडेसीविर इंजेक्शन फेबी रावेर जैसी दवाओं के अच्छे रिजल्ट बाहर से दवा खरीद कर लाने की छूट के साथ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करीब 15 मरीजों को रेमडेसीविर इंजेक्शन लगाई गई हैं डॉक्टर के परामर्श से मरीजों ने बाहर से खरीद कर यह इंजेक्शन अस्पताल को उपलब्ध कराया
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