असीरगढ से कमलखेडा, धूलकोट-कालंका मार्ग का काम जल्द होगा शुरू | Asir gad se kamalkheda dhulkot kalanka marg ka kaam jald hoga shuru

असीरगढ से कमलखेडा, धूलकोट-कालंका मार्ग का काम जल्द होगा शुरू

40 से अधिक गांवों के लोगों को होगा फायदा

कलेक्टर ने वन, लोनिवि अफसरों और ठेकेदार को दिए निर्देश

दो साल से कभी वन विभाग की तो कभी अन्य समस्याओं को लेकर नहीं बन पा रहा रोड

असीरगढ से कमलखेडा, धूलकोट-कालंका मार्ग का काम जल्द होगा शुरू

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - करीब 53 करोड की लागत से बनने वाले असीरगढ से कमलखेडा-धूलकोट-कालंका मार्ग का काम दो साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इसे लेकर कभी वन विभाग की एनओसी की परेशानी आती रही तो कभी और कोई समस्या, लेकिन रविवार को भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे ने मध्यस्थता कर विवाद ख़त्म किया। उनकी पहल से इस मार्ग का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद जागी है। रविवार को ही कलेक्टर प्रवीण सिंह ने वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और ठेकेदार के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि रोड निर्माण में आने वाली तमाम अडचनें जल्द दूर कर काम शुरू कराया जाए।

असीरगढ से कमलखेडा, धूलकोट-कालंका मार्ग का काम जल्द होगा शुरू

कलेक्टर ने रविवार को ही डीएफओ गौरव चौधरी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और रेंजर आदि के साथ ही ठेकेदार को भी बुलाकर बैठक की। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे भी मौजूद थे। कलेक्टर प्रवीणसिंह ने कहा कि रोड का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए।

विदिशा कंपनी को दिया गया है रोड निर्माण का ठेका

गौरतलब है कि असीरगढ़ से कमलखेड़ा-धूलकोट से कालंका मार्ग दो भागों में बंटा है इसकी लागत करीब 53 करोड है, लेकिन दो साल बाद भी विदिशा कंपनी निर्माण पूरा नहीं कर पाई। कहीं रोड तो कहीं पुलियाएं अधूरी पडी है। असीरगढ़ से धूलकोट मार्ग का सीसी रोड कहीं बना हुआ है तो कही सिंगल पटरी है। यहां पर वाहन चालकों क्रासिंग में खासी परेशानी होती है। पुलिया निर्माण के कईं ठेकेदार भी बदल दिए गए हैं, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। इस रोड से करीब 40 से अधिक गांवों के लोगों का आना-जाना है। बारिश में बुरहानपुर जाने वाले लोगों को दिक्कतें होती है।

50 मिनट में पहुंचने वाली एंबुलेंस तीन घंटे में पहुंचती है बुरहानपुर

आलम यह है कि वर्तमान में रोड खराब होने के कारण 108 एंबुलेंस डोजर और खातला होते हुए बुरहानपुर पहुंच रही है। जिस एंबुलेंस को 50 किलोमीटर एक घंटे में पहुंचना है वह एंबुलेंस तीन घंटे में जिला चिकित्सालय पहुंच रही है। इससे इमरजेंसी डिलेवरी, एक्सीडेंट वाले लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। पुलिया अधूरी होने से नालों में पानी जमा रहता है। लोगों को बरसात का पानी उतरने का दो से तीन घंटे तक इंतजार करना होता है। दो पहिया वाहन चालकों के लिए भी यह मार्ग परेशानी का सबब बना हुआ है।

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